बैन के बावजूद भी धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा, फोन पर ऑर्डर देकर घर बांटी जा रही 'मौत'
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बैन के बावजूद भी धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा, फोन पर ऑर्डर देकर घर बांटी जा रही 'मौत'

Ban on Chinese Manjha: राजधानी दिल्ली में चीनी मांझा कैसे प्रतिबंध के बावजूद डिजिटल तरीके से कोड के साथ बिक रहा है? बता दें कि इन दिनों चाइनीज मांझा कई लोगों की मौत की वजह बन रहा है.

बैन के बावजूद भी धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा, फोन पर ऑर्डर देकर घर बांटी जा रही 'मौत'

Ban on Chinese Manjha: पूरा देश अब से कुछ ही दिनों में स्वतंत्रता दिवस का पर्व मनाने जा रहा है. राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा भी है. जहां एक ओर दिल्ली के आसमान में स्वतंत्रता दिवस से पहले ही पतंगे छाई हुई हैं तो दूसरी ओर प्रतिबंधित चीनी मांझा राजधानी के लोगों के जीवन के डोरे को काटने में लगा हुआ है. बीते कुछ दिनों में ही लोग इसके जानलेवा शिकार भी हुए हैं. तो कई लोगों को गंभीर रूप से घायल कर चुका है.

ऑनलाइन चल रहा 'मौत का धंधा'

ऐसे में सवाल है कि राजधानी दिल्ली में चीनी मांझा कैसे प्रतिबंध के बावजूद डिजिटल तरीके से कोड के साथ बिक रहा है. दरअसल Mono Kite, Hero और Cobra ये वो 3 कोड हैं, जिसके सहारे प्रतिबंधित मांझे की खरीद फरोख्त चल रही है. फेसबुक पर भी यह प्रतिबंधित मांझा खरीदा और बेचा जा रहा है. हमारे रिपोर्टर अभिषेक कुमार ने मांझा विक्रेता को फोन किया तो उन्होंने कहा कि मांझा कोरियर के माध्यम से डिलीवर हो जाएगा. जितना मांगा जाएगा उतना मिलेगा. बस दाम ऑनलाइन देने होंगे और माल भी डिलीवरी से मिलेगा. जब मांझा विक्रेता से प्रतिबंधित चीनी मांझे की हमने मांग की तो उसने कहा कि हां ऑनलाइन पेमेंट होते ही माल दिल्ली के किसी भी इलाके में डिलीवर हो जाएगा. मांझा विक्रेता ने हमें फोन पर बताया कि वो मध्यप्रदेश में है. लेकिन वो माल दिल्ली में डिलीवर करता है.

क्या होता है ये किलर मांझा?

चाइनीज मांझा नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर बनाया जाता है. नायलॉन के धागे पर कांच और लोहे को पीस कर नायलॉन के धागे पर धार लगाई जाती है. ये धागा प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है. इसे खींचते हैं तो टूटने के बजाय बढ़ जाता है. इसे काटना मुश्किल होता है. इसीलिए कंपटीशन में पतंग उड़ने वाले लड़के इसे पसंद करते हैं. अब ये मांझा भारत में भी बनने लगा है.

एनजीटी ने लगाई थी रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2017 में जानलेवा मांझे की बिक्री पर देशभर में प्रतिबंध लगा दिया था. एनजीटी ने ऑर्डर में कहा था कि पतंग उड़ाना देश की परंपरा रही है, लेकिन खतरनाक मांझे से पशु-पक्षी और लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं. बढ़ते हादसों के मद्देनजर दखल की जरूरत पड़ी. मांझा बनाने वाली कंपनियां सुप्रीम कोर्ट गईं, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली.

5 साल की सजा, 1 लाख फाइन

दिल्ली सरकार ने एनजीटी का आदेश आने के बाद 2017 में नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके मुताबिक, चाइनीज मांझे की खरीद-फरोख्त करने, इसे रखने और इस्तेमाल करने पर अधिकतम पांच साल की सजा या 1 लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा. दोनों भी हो सकते हैं. पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ सूती धागे के इस्तेमाल की इजाजत है.

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