लोगों ने Work From Home को Work From Himachal में बदल दिया है. हिमाचल प्रदेश की तरह उत्तराखंड के कई शहरों का भी ऐसा ही हाल है. मसूरी, धनौल्टी और केम्पटी फॉल्स जैसे पर्यटन स्थलों पर लोग, एक साथ हजारों की संख्या में जमा हो जाते हैं और जमकर कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हैं.
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नई दिल्ली: लॉकडाउन खत्म होने के बाद हर दिन देश भर से हजारों लोग हिमाचल प्रदेश के मनाली पहुंचने लगे हैं और पर्यटकों की भीड़ की वजह से अब मनाली की सड़कों पर गाड़ी चलाने तक की जगह नहीं बची है.
इसका नतीजा ये है कि अब लोग सड़कों पर आपस में लड़ने लगे हैं. 14 जुलाई की रात पंजाब से मनाली पहुंचे कुछ लोगों ने सड़क पर दूसरी गाड़ियों को ओवरटेक करना शुरू कर दिया जबकि पहाड़ी रास्तों पर ओवरटेक की इजाजत नहीं होती.
स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो इन पर्यटकों ने तलवारें निकाल लीं और लोगों को धमकियां देना शुरू कर दिया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके इनकी गाड़ी भी जब्त कर ली है, लेकिन सड़कों पर ये सब तब हो रहा है, जब भारत में कोरोना की तीसरी लहर का आना लगभग तय है और अगर लोग नहीं रुके तो एक दिन भारत में कोरोना का मनाली वैरिएंट ही तबाही मचाएगा.
पहाड़ों पर पर्यटकों की भीड़ और कोविड गाइडलाइंस के उल्लंघन पर देश के प्रधानमंत्री से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक ने अपनी चिंता जताई है, लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ.
कुछ दिनों पहले हिमाचल प्रदेश पुलिस के DGP ने भी कहा था कि लोगों ने Work From Home को Work From Himachal में बदल दिया है.
हिमाचल प्रदेश की तरह उत्तराखंड के कई शहरों का भी ऐसा ही हाल है. मसूरी, धनौल्टी और केम्पटी फॉल्स जैसे पर्यटन स्थलों पर लोग, एक साथ हजारों की संख्या में जमा हो जाते हैं और जमकर कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हैं. पिछले दिनों उत्तराखंड पुलिस ने राज्य के बाहर से आई हजारों गाड़ियों को मसूरी और धनौल्टी में घुसने ही नहीं दिया था.
जो लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करते. उन्हें Covidiots कहा जाता है. Covidiots की ये प्रजाति लगभग हर देश में पाई जाती है, लेकिन अब इनकी संख्या कुछ ज्यादा ही तेजी से बढ़ रही है और वो भी तब, जब पूरी दुनिया में कोविड की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है.
दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी तब दुनिया में औसतन हर रोज 9 लाख नए मामले सामने आए थे, जबकि तीसरी लहर में इसकी संख्या अभी से 4 लाख के करीब पहुंच गई है.
पूरी दुनिया में लोग रिवेंज ट्रैवल के नाम पर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. जब लोग लंबे लॉकडाउन के बाद बिना समय गंवाए घूमने निकल जाते हैं और नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उसे रिवेंज ट्रैवल कहते हैं, लेकिन कोरोना के खिलाफ बदले की ये कार्रवाई पूरे देश पर भारी पड़ सकती है.
ज़ी न्यूज़ की टीम ने देश के अलग अलग शहरों में ऐसे ही Covidiots को ढूंढा और उनसे बात की. इन लोगों के तर्क सुनकर आपको हंसी भी आएगी और कोरोना की तीसरी लहर की आशंका आपको डरा भी देगी.
जब एक देश में व्यवस्था नाम की चीज नहीं रहती तो वहां क्या होता है, ये आपको भारत के पड़ोसी देश म्यांमार से सीखना चाहिए. अभी दो महीने पहले तक हमारे देश में लोग ऑक्सीजन की कमी से परेशान थे. अस्पतालों में जगह नहीं थी और कई लोगों ने इलाज मिलने से पहले ही दम तोड़ दिया. अब अगर तीसरी लहर आई तो हालात एक बार फिर से वैसे ही हो सकते हैं. हम आपको डरा नहीं रहे, बस चेतावनी दे रहे हैं.
आपको भारत की राजधानी दिल्ली से 3 हजार किलोमीटर दूर म्यांमार से आई तस्वीरें देखनी चाहिए.
पड़ोसी देश म्यांमार में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भयानक कमी हो गई है. जिस तरह से भारत में ऑक्सीजन के लिए लोग लंबी लाइनों में लगते थे, ठीक वही हालात अब म्यांमार के भी हैं. यंगून में अलग-अलग ऑक्सीजन प्लांट पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं. म्यांमार की मेडिकल सेवाएं कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को संभालने में नाकाम हो गई हैं.
वहां के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक संक्रमण से मरने वाले मरीजों में से ज्यादातर की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है.
म्यांमार में पिछले पांच दिनों में कोरोना के करीब 24 हजार नए मरीज मिले हैं, जिनमें से 500 मरीजों की मौत भी हो चुकी है, जबकि कुल मरीजों की संख्या फिलहाल 2 लाख से ज्यादा है. कुल मिलाकर म्यांमार में अब तक 4 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है.
हो सकता है कि म्यांमार के संक्रमित मरीजों और मौतों की ये संख्या, भारत की तुलना में आपको कम लगे, लेकिन वहां की कुल आबादी ही मात्र 5 करोड़ 40 लाख है. इससे आप स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. इसी संकट के बीच कुछ दिनों पहले भारत ने म्यांमार को वैक्सीन की 15 लाख डोज भी दी थी.
भारत के इस पड़ोसी देश में ये हालात तब हैं, जब वहां की सेना सरकार का तख्ता पलट कर चुकी है और पूरे देश की कमान सेना के हाथों में है.