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नई दिल्ली: हमारे देश के मीडिया ने पिछले हफ़्ते एक ऐसी ख़बर को प्रमुखता से दिखाया, जो अब फर्जी साबित हो चुकी है. सबसे पहले आपको इस ख़बर के बारे में बताते हैं.
28 जून को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में शायर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज़ राणा ने दावा किया था कि उन पर कुछ बदमाशों ने गोलियां चलाई हैं क्योंकि, ये हमला एक पेट्रोल पम्प के सामने हुआ था, इसलिए इसका सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिल गया और सभी अखबारों और न्यूज़ चैनलों पर ये खबर इस सीसीटीवी फुटेज के साथ चला दी गई.
इस सीसीटीवी फुटेज को देख कर कोई नहीं कह सकता कि मुनव्वर राणा के बेटे पर हमला नहीं हुआ था. आप सब भी इन तस्वीरों को देख कर यही सोचेंगे, लेकिन अब सच क्या है, वो हम आपको बताते हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, 28 जून को तबरेज़ राणा पर हमला तो हुआ था, लेकिन ये हमला उसने खुद करवाया था. यानी ये पहले से ही तय था कि गाड़ी पेट्रोल पम्प के सामने खड़ी होगी, दो नकाबपोश बदमाश वहां पहुंचेंगे और गोलियां भी सिर्फ दो ही चलाई जाएंगी और ये पूरा हमला इस तरह से पेश किया जाएगा कि मुनव्वर राणा के बेटे को जान से मारने की कोशिश की गई है.
लेकिन सिर्फ कुछ ही घंटों में इस तथाकथित हमले की पोल खुल गई और मुनव्वर राणा का बेटा तबरेज़ राणा पूरी तरह एक्सपोज हो गया. पुलिस ने बताया कि उसके पास एक सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें ये साफ देखा जा सकता है कि तबरेज़ राणा ने हमले से पहले गोली चलाने वाले शूटर्स से एक होटेल में मुलाकात की थी और फिर पेट्रोल पम्प की भी एक बार रेकी की गई थी. यानी सबकुछ ऐसे हुआ, जैसे किसी फिल्म की कहानी चलती है.
तबरेज़ राणा ने बहुत ही खूबसूरती से इस झूठी कहानी को सबसे सामने रखा और मीडिया के एक वर्ग ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया, लेकिन अब पता चला गया है कि ये हमला फर्जी था और तबरेज़ राणा ने खुद इस फर्जी हमले की कहानी रची थी.
पुलिस का कहना है कि तबरेज़ राणा ने ये सब इसलिए किया क्योंकि, पुश्तैनी जमीन के एक मामले में मुनव्वर राणा के भाई और उनके बेटे तबरेज़ राणा पर दबाव बना रहे थे. क्योंकि, तबरेज़ ने इस जमीन का एक हिस्सा चोरी छिपे 85 लाख रुपये में एक व्यक्ति को बेच दिया था और उसके चाचा ये पैसा उससे मांग रहे थे. सोचिए तबरेज़ ने खुद को बचाने के लिए कितनी लम्बी चौड़ी योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी इस योजना पर पानी फेर दिया.
हालांकि ये खबर यहां समाप्त नहीं होती. जब पुलिस की एक टीम तबरेज़ राणा की तलाश करते हुए मुनव्वर राणा के घर पहुंची तो मुनव्वर राणा ने ये आरोप लगा दिया कि पुलिस उन्हें और उनके बेटे को फंसा रही है, जबकि सच ये है कि उनका बेटा तबरेज़ खुद पर झूठा हमला कराने के आरोप में फरार है और पुलिस उसी की तलाश में उनके घर पहुंची थी. हम आपको इस पर दोनों पक्षों की बातें सुनाते हैं, फिर आप खुद तय कीजिएगा कि मुनव्वर राणा सही हैं, जिनके बेटे ने खुद पर फर्जी हमला कराया या पुलिस सही है, जो अपना काम कर रही थी.
हमारे देश में जब कोई खबर आती है तो उसे मीडिया जरूर दिखाता है, लेकिन जब उस खबर को लेकर जरूरी अपडेट आता है और पता चलता है कि पहले आई खबर फर्जी थी तो इसके बारे में नहीं बताया जाता. इसलिए आज हमने ये खबर आपको बताई, ताकि आप इस खबर का सच जान सकें.