हालांकि हाई कोर्ट ने पीआईएल को खारिज कर दिया और इस मामले में किसी भी हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.
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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कोरोना महामारी (Corona Pandemics) को देखते हुए दुर्गापूजा के मौके पर होने वाले आयोजनों पर रोक लगा दी थी. उन्होंने कहा था कि लोग अपने घरों में मूर्तियां स्थापित कर पूजा पाठ करें. सरकार के इस आदेश के खिलाफ प्रयागराज में बंगाली समुदाय के लोग हाई कोर्ट (Allahabad Highcourt) पहुंच गए.
हाईकोर्ट में अपील, फैसला वापस ले सरकार
प्रयागराज के बंगाली वेलफेयर एशोसिएशन (Bengali Welfare Association) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसके लिए पीआईएल दाखिल की. हालांकि हाई कोर्ट ने पीआईएल को खारिज कर दिया और इस मामले में किसी भी हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. इस याचिका में प्रयागराज शहर में सार्वजनिक तौर पर दुर्गापूजा के आयोजन के लिए छूट मांगी गई थी.
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता को जिला न्यायालय जाना चाहिए, न कि सीधे हाई कोर्ट. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि स्थानीय प्रशासन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. हालांकि जिला न्यायालय कोरोना गाइडलाइन्स (Corona Guidelines) को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों के आयोजन पर फैसला दे सकती है.
सोमवार को योगी आदित्यनाथ ने लगाई थी रोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि दशहरा पर रामलीलाओं के मंचन की परंपरा नहीं टूटेगी. रामलीला का मंचन किया जा सकेगा, लेकिन शर्त रहेगी कि वहां 100 से ज्यादा दर्शक नहीं होंगे. कोविड 19 के संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेसिंग का सख्ती से पालन किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सैनेटाइजेशन, मास्क और हाथ धोने के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा.
दुर्गा पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर रहेगी रोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क पर कोई भी आयोजन नहीं होगा, न ही कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से मेले भी नहीं लगेंगे. यही नहीं, इस बार दुर्गा पूजा का आयोजन भी सार्वजनिक तौर पर नहीं होगा, बल्कि लोग अपने घरों में दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित कर पूजन-अर्चन कर सकते हैं.