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नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आड़ में भारत को बदनाम करने की विदेशी साजिश का खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने किसान आंदोलन और ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के पीछे पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) का हाथ बताया है. ये फाउंडेशन खालिस्तान समर्थक है.
दरअसल, खुद को पर्यावरण कार्यकर्ता बताने वाली ग्रेटा थनबर्ग ने गलती से दूसरी बार उस अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा कर दिया, जो भारत को तोड़ने के लिए महीनों से चल रही है. ग्रेटा ने 2 जनवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट में उन्होंने कहा था, 'हम भारत में जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं.'
इस ट्वीट के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने एक और ट्वीट किया और गलती से उन्होंने सोशल मीडिया पर एक डॉक्यूमेंट शेयर कर दिया. इस डॉक्यूमेंट में किसान आंदोलन के नाम पर 26 जनवरी की हिंसा से लेकर 6 फरवरी को होने चक्काजाम के नाम पर अंतरराष्ट्रीय साजिश का पूरा ब्योरा था.
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ये ग्रेटा की पहली गलती थी, जिसका कुछ ही देर में ग्रेटा को अहसास हुआ और उन्होंने किसान आंदोलन पर टूलकिट वाला डॉक्यूमेंट डिलीट कर दिया. लेकिन इसके बाद ग्रेटा ने फिर एक गलती की. उन्होंने एक और ट्वीट किया और इस ट्वीट ने किसान आंदोलन के नाम पर बहुत
बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा कर दिया.
ग्रेटा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर आप भारत के लोगों की मदद करना चाहते हैं, तो ये अपडेटेड टूलकिट है. पिछला टूलकिट हटा दिया गया. क्योंकि वो पुराना टूलकिट था. इस ट्वीट में #StandWithFarmers और #FarmersProtest के साथ एक लिंक और शेयर किया था, और ये लिंक ही किसान आंदोलन के नाम पर सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश की तह में ले गया.
ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर जो लिंक शेयर किया है, उसपर क्लिक करने से एक पेज खुला. उस पेज में किसान आंदोलन के बारे में कुछ बातों के अलावा #AskIndiaWhy भी दिया गया था. #AskIndiaWhy को कॉपी करने के बाद हमने इसके बारे में Google पर जानकारी ढूंढनी शुरू की. तो हमें AskIndiaWhy नाम से एक वेबसाइट मिली.
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#AskIndiaWhy की वेबसाइट के मुख्य पेज पर 26 जनवरी को दिल्ली हिंसा के समर्थन में कुछ बातें लिखी हुई थीं. वेबसाइट पर एक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का नाम लिखा था. पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के बारे में Google पर जब हमने जानकारी जुटाने की कोशिश की, तो हमें इस नाम से एक वेबसाइट और वेबसाइट पर एक लिंक मिला. ये लिंक ही भारत के खिलाफ सबसे बडी साजिश का दस्तावेज है. इस लिंक में सुबूत है कि 26 जनवरी को हुई दिल्ली हिंसा भारत के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय प्लान था और ये लिंक सुबूत है कि किसान आंदोलन के नाम पर भारत को तोड़ने की बड़ी तैयारी हो रही है.