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कोटा: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए देश के प्रमुख कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा (Kota) में इस समय बाढ़ (Flood) के हालात बने हुए हैं. राजस्थान में हो रही मूसलाधार बारिश ने कोटा के साथ-साथ कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति (Flood Like Situation) पैदा कर दी है. शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है, वहीं कई इलाकों के तो लोग पानी के कारण घर से भी नहीं निकल पा रहे हैं. लिहाजा जिला प्रशासन इन क्षेत्रों में बचाव अभियान चला रही है.
पार्वती नदी में जलस्तर बढ़ते देख केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने तो मंगलवार को कोटा शहर में बाढ़ आने का रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है. मंगलवार की रात 9 बजे तक नदी का जलस्तर 207.77 पर पहुंच गया था जो कि इसके खतरे के निशान (Danger Mark) 202 मीटर से 5.77 मीटर ऊपर था. अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले 1996 में नदी का जलस्तर ने 207.55 मीटर पर पहुंचा था, जिसका रिकॉर्ड भी कल टूट गया.
Red Alert has been issued by @CWCOfficial_GoI for Flood in Khatoli, Kota, Rajasthan.
River Parwati at Khatoli in Kota district of Rajasthan continues to flow in Extreme Flood Situation as of 9 PM today. pic.twitter.com/o4RiVEm50U
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) August 3, 2021
इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान की अधिकांश जगहों और राज्य के पश्चिमी भाग में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है.
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वहीं चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से धौलपुर जिले के 40 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक धौलपुर के जिला कलेक्टर आर.के. जायसवाल ने इन गांवों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं पार्वती और चंबल नदी के बढ़े हुए जलस्तर के कारण 2 दर्जन से ज्यादा गांव डूब गए हैं.
बता दें कि धौलपुर के अलावा राजस्थान के अन्य जिले जैसे बारां, सवाई माधोपुर, करौली, झालावाड़, दौसा, टोंक, बूंदी और राज्य की राजधानी जयपुर में पिछले दिनों भारी बारिश हुई है. इस कारण नदियों में बाढ़ आ गई है. बारां जिले के शाहाबाद और किशनगंज प्रखंड में तो बाढ़ की स्थिति को 'गंभीर' बताया गया है और इसके चलते निचले इलाकों के गांवों से करीब 700 लोगों को निकाला जा चुका है.