जम्मू : राज्यसभा का सत्रावसान कर भूमि अधिग्रहण पर ‘नया अध्यादेश लाने के लिए साजिश रचने का’ केंद्र पर आरोप लगाते हुए माकपा ने शनिवार को कहा कि वह विधेयक का समर्थन करने के बारे में तभी विचार करेगी जब पार्टी द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को शामिल कर लिया जाए।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम मौजूदा प्रारूप में विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमारी सभी चिंताओं का ख्याल रखा जाता है तो उसके बाद ही हम इस पर विचार करेंगे।’ माकपा पोलितब्यूरो सदस्य ने कहा, ‘सरकार पहले उच्च सदन के सत्रावसान का और उसके बाद भूमि अधिग्रहण विधेयक के लिए नया अध्यादेश जारी करने के लिए साजिश रच रही है क्योंकि मौजूदा अध्यादेश छह अप्रैल को निष्प्रभावी हो जाएगा। उच्च सदन में सरकार अल्पमत में है।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष को यह भी नहीं मालूम है कि नए प्रस्तावित विधयेक में सरकार ने क्या बदलाव किए हैं।


येचुरी ने कहा कि जो बदलाव किए गए हैं, पहले हमें उसकी जानकारी तो होनी चाहिए। अब तक प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित बदलावों के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें बताने दीजिए फिर हम संशोधित विधेयक पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।


उन्होंने कहा कि संसद का सत्र जारी है और बजटीय आवंटन पर विचार करने के लिए संसदीय स्थायी समिति की बैठक हो रही है, इसलिए अवकाश है। उन्होंने कहा, ‘जब हम 20 अप्रैल को फिर मिलेंगे और उसके बाद जब सदन सत्र में नहीं होगा, वे एक अन्य अध्यादेश लाएंगे जो गलत और अलोकतांत्रिक है। वे कानूननिर्माताओं द्वारा विचार किए बिना नया कानून लाना चाहते हैं।’


येचुरी ने कहा कि माकपा विधेयक का विरोध करती रहेगी और अध्यादेश लाने के अपने प्रस्ताव पर सरकार अगर ‘अडिग’ रहती है तो सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होंगी।