हाथरस पर ZEE NEWS की बड़ी पड़ताल, पुलिस की थ्योरी पर उठे ये सवाल
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हाथरस पर ZEE NEWS की बड़ी पड़ताल, पुलिस की थ्योरी पर उठे ये सवाल

हाथरस की निर्भया मौन हो गई लेकिन उसकी चीख पूरे देश से सवाल पूछ रही है कि देश की बेटियां कब महफूज हो सकेंगी. 

बड़ी बात ये है कि पुलिस अभी तक गैंगरेप के आरोपों को पुख्ता नहीं मान रही है.

नई दिल्ली: देश की एक और बेटी गैंगरेप का शिकार हो गई. पूरा देश सन्न है लेकिन उत्तर प्रदेश की राउडी पुलिस मौन है. जो पुलिस अपने नाम से उत्तर प्रदेश के अपराधियों में खौफ भर देने का दावा करती है, वही कठघरे में है. हाथरस की निर्भया के लिए पूरा देश इंसाफ मांग रहा है और उत्तर प्रदेश पुलिस अपने बयानों का जाल बुन रही है. हाथरस की निर्भया मौन हो गई लेकिन उसकी चीख पूरे देश से सवाल पूछ रही है कि देश की बेटियां कब महफूज हो सकेंगी. कब देश की बेटी को अपने लिए न्याय मांगने की जरूरत नहीं होगी. 

ये सवाल अपने आप में काफी नहीं हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के हाथरस की जघन्य वारदात अपने आप में सवाल बनकर सामने खड़ी है. जहां पीड़ित परिवार और पुलिसवालों के बयान आपस में ही गुत्थी को उलझा रहे हैं. सबसे पहला और ताजा विवाद खड़ा हुआ है पीड़ित के अंतिम संस्कार पर. पुलिस की मौजूदगी में गांववालों के गुस्से के बीच रात करीब ढाई बजे पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन घरवारों का आरोप है कि ये अंतिम संस्कार उनकी अनुमति के बगैर हुआ है. 

हाथरस केस में पीड़ित परिवार Vs पुलिस 
परिवार: पुलिस -14 सितंबर को गैंगरेप हुआ. 
पुलिस: रेप की पुष्टि अब तक नहीं. 

परिवार: आरोपियों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ी   
पुलिस: गला दबाने से रीढ़ की हड्डी पर असर. 

परिवार: पीड़ित की जीभ भी काट दी     
पुलिस: गला दबाने से जीभ पर चोट के निशान.  

परिवार: रेप, गला घोंटा गया, मारपीट की गई.  
पुलिस: जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है. 

परिवार: परिवार ने 4 लोगों पर आरोप लगाया.         
पुलिस: चारों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. 

परिवार: पुलिस ने बिना बताए अंतिम संस्कार किया.               
पुलिस: पुलिस ने अब तक कोई सफाई नहीं दी.

हाथरस घटना पर ZEE NEWS के सवाल: 
सवाल नंबर 1: 14 सितंबर को FIR, गिरफ्तारी में 5 दिन क्यों लगाए?
सवाल नंबर 2: आरोपी संदीप की गिरफ्तारी पहले क्यों नहीं की गई?
सवाल नंबर 3: पीड़ित का बयान 22 सितंबर को क्यों लिया गया?
सवाल नंबर 4: हाथरस-अलीगढ़-दिल्ली तक पीड़ित को किस अवस्था में रेफर किया गया?
सवाल नंबर 5: हालत कितनी गंभीर थी, किन चोटों के कारण पीड़ित की मौत हुई?
सवाल नंबर 6: चोट गंभीर तो दिल्ली रेफर करने में 14 दिन की देरी क्यों?
सवाल नंबर 7: पीड़ित के रेप के बयान के बाद FSL की रिपोर्ट का इंतज़ार क्यों?
सवाल नंबर 8: परिवार को बताए बिना पुलिस ने क्यों किया अंतिम संस्कार?
सवाल नंबर 9: हाथरस मामले में पुलिस ने बार-बार बयान क्यों बदला?
सवाल नंबर 10: यूपी पुलिस न्याय दे पाएगी या फिर CBI जांच की जरूरत है?

बड़ी बात ये है कि पुलिस अभी तक गैंगरेप के आरोपों को पुख्ता नहीं मान रही है. पुलिस को अभी FSL रिपोर्ट का इंतजार है पर सवाल ये है कि जब पीड़िता खुद सीओ लेवल के राजपत्रित अधिकारी के सामने गैंगरेप का आरोप लगाया है तो पुलिस को FSL की रिपोर्ट का इंतजार क्यों है. हालांकि, यूपी सरकार न्याय का भरोसा दे रही है पर पीड़ित परिवार और पुलिस के बीच बयानों के घमासान ने पूरे मामले को उलझा कर दिया है और ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस मामले में सीबीआई जांच से ही इंसाफ मिल सकेगा.

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(इनपुट: विशाल पांडेय)

 

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