Heavy Rain Alert: देर शाम के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका है. कल शाम तक यमुना का जलस्तर 206.70 मीटर पहुंचने का अनुमान है. हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ गए पानी के कारण यमुना उफान पर रहेगी. वहीं, दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों में भी मौसम का कहर बरकरार है.
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Delhi Flood Alert: हथिनीकुंड बैराज से फिर पानी छोड़ा गया है, 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी यमुना में छोड़ा गया. दिल्ली पर फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, पिछली बार भी हथिनीकुंड से पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया था. दिल्ली में दोपहर 3 बजे यमुना का जलस्तर गिरकर 205.17 मीटर हुआ. देर शाम के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका है. कल शाम तक यमुना का जलस्तर 206.70 मीटर पहुंचने का अनुमान है. हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ गए पानी के कारण यमुना उफान पर रहेगी.
दिल्ली में फिर बढ़ने लगा खतरा
आपको बता दें कि निचले इलाकों को प्रशासन ने अलर्ट किया है. दोपहर 3 बजे यमुना का जलस्तर गिरकर 205.17 मीटर हुआ था. अब देर शाम के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका है. कल शाम तक यमुना का जलस्तर 206.70 मीटर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ गए पानी के कारण यमुना उफान पर रहेगी.
बारिश के बाढ़ में आधा हिंदुस्तान
आधा हिंदुस्तान इन दिनों भारी बारिश की मार झेल रहा है, बारिश के बाद आई बाढ़ से कई इलाकों में आफत मची हुई है, बात अगर पहाड़ों की करें तो बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, पहाड़ों से बडे़-बड़े पत्थर सड़कों पर गिर रहे हैं, कई जगह सड़के टूट गई है, घरों के गिरने का खतरा पैदा हो गया है, तीन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि बारिश से किस कदर आफतकाल मचा हुआ है. उत्तरकाशी में पहाड़ों से पत्थर गिर रहे है, हिमाचल के सिरमौर में लैडस्लाइड से सड़के टूट गई है, तो वहीं यूपी के बिजनौर में एक बस सैलाब में फंस गई.
एमपी के रतलाम में बारिश का सैलाब
जम्मू कश्मीर के डोडा, महाराष्ट्र के बुलढाणा और एमपी के रतलाम में बारिश की वजह से सैलाब आया हुआ है, डोडा में बारिश से सड़क पर सैलाब आ गया है, तो वहीं बुलढाणा में नदीं उफान पर है, जिससे घरों में पानी घुस गया है, वहीं एमपी के रतलाम में सड़कें पानी से लबालब हैं. यूपी के बिजनौर में बारिश से नदियां उफान पर हैं. महाराष्ट्र के बुलढाणा में तेज बारिश से नदी उफान पर है. नदी के किनारे वाले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. यहां मकान से लेकर मंदिर पानी-पानी हो गए हैं. कुछ ऐसा ही हाल यवतमाल का भी है, जहां बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है. सड़कें तालाब में तब्दील हो गई.
परेशानियों का मॉनसून
मॉनसूनी बारिश अपने पीछे-पीछे परेशानियां भी लेकर आई है, जिससे जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है. गुजरात भी बारिश के आफतकाल से गुजर रहा है. नवसारी में बारिश से बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. सड़कें पानी से लबालब हैं. कई जगह घुटनों तक पानी भर गया है, गाड़ियां रेंग-रेंग कर चल रही है. एमपी का रतलाम भी ऐसी ही आफत का सामना कर रहा है. बारिश से नाले उफान पर है जिससे कई इलाकों का संर्पक टूट गया है.
कैसी है उत्तरकाशी?
उत्तरकाशी में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड दर्ज की गई. बारिश के बाद हुए भूस्खलन से बड़े-बड़े पत्थर सड़कों पर गिरते हुए नजर आए, खतरे को देखते हुए गाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है. रुद्रप्रयाग में भी मूसलाधार बारिश से गौरीकुंड नेशनल हाईवे में कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है, पहाड़ी से मलबा आने से रास्तों को बंद कर दिया गया है. हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे पर भी लैंडस्लाइड होने से मलबा सड़क पर आ गया है. जिससे यातायात बाधित हो गया है. मलबा हटाकर रास्ता खोलने का काम जारी है. हिमाचल में भी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. सिरमौर में भूस्खलन से सड़कें टूट गई जिससे सड़कों पर खड़ी गाडियां पलट गई हैं. यहां नदी का जलस्तर बढ़ने से मकानों को खतरा पैदा हो गया है.
शिमला में फटा बादल
शिमला के रोहडू चिडगांव में बादल फट गया. यहां हुई तबाही के निशान इन तस्वीरों में देखा जा सकता है. बादल फटने से कई घरों को नुकसान पहुंचा है, 3 लोगों के लापता होने की खबर है. शिमला में पहाड़ी पर बने मकान के ढहने की आशंका बनी हुई है. मकान के नीचे से लगातार पत्थर खिसक रहे हैं. मकान को बचाने की कोशिश की जा रही है, वहीं खतरे को देखते हुए टनल के पास पुलिस ने आवाजाही बंद कर दी गई है.
जम्मू-कश्मीर में कैसे हैं हालात?
बात अगर जम्मू-कश्मीर की करें, तो रामबन में कई जगह तेज बारिश के बाद लैंडस्लाइड हो गया, जिससे कई जगह सड़कें बंद हो गई है. वहीं डोडा में बारिश के बाद नाले उफान पर है. लोग जान जोखिम में डालकर नाला पार कर रहे हैं. देश के कई हिस्से बाढ़-बारिश की मार झेल रहे हैं, बारिश जनजीवन पर बुरा असर डाल रही है, लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, तो कई जगह हालात इतने बिगड़ गए है कि आशियानों में ही पानी घुस गया है, मजबूरन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है.