42 साल बाद टूटी प्रथा, Assam में बिना किसी विरोध के मनाया गया स्वतंत्रता दिवस; CM ने जताया आभार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को राज्य की जनता का आभार व्यक्त किया, क्योंकि असम में स्वतंत्रता दिवस दशकों में पहली बार बिना किसी विरोधी संगठन के `असम बंद` का आह्वान किए बिना मनाया गया.
गुवाहटी: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने ट्विटर के माध्यम से राज्य के लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि राज्य में स्वतंत्रता दिवस दशकों में पहली बार बिना किसी विरोध और 'बंद के आह्वान' किए बिना मनाया गया है. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है क्योंकि ऐसा 1979 के बाद पहली बार हुआ है.
पीएम मोदी के प्रयासों को सराहा
सरमा ने ट्विटर पर लिखा कि यह केंद्र सरकार के 'सबका साथ सबका विकास' अभियान और पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अथक प्रयासों का ही नतीजा है. उन्होंने आगे कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार के नेतृत्व में चलाए जा रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम के लिए असम का यह यादगार क्षण एक उपयुक्त नमन है.
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42 साल बाद टूटी ये प्रथा
बताते चलें कि कई दशकों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर असम बंद (Assam Bandh) का आह्वान करने वाले दल यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) ने इस साल पहली बार स्वतंत्रता दिवस के लिए इस प्रथा को तोड़ दिया. संगठन ने इस साल मई में महामारी की स्थिति को देखते हुए इस प्रथा को बंद करने की घोषणा की थी.
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