Assam News: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि वह पक्षपात करेंगे और ‘मियां’ मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे. शर्मा नागांव में 14 साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना की पृष्ठभूमि में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्षी दलों के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित रखा जाता तो अपराध की दर नहीं बढ़ती. जब विपक्ष के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री पर पक्षपात का आरोप लगाया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं पक्षपात करूंगा. आप क्या कर सकते हैं ?’’


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शर्मा ने कहा, ‘‘लोअर असम के लोग अपर असम क्यों जाएंगे? ताकि मियां मुस्लिम असम पर कब्जा कर लें? हम ऐसा नहीं होने देंगे.’’ तीखी नोकझोंक के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य आसन के समीप आ गए जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी को कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. कांग्रेस, एआईयूडीएफ और माकपा के विधायकों तथा एकमात्र निर्दलीय सदस्य अखिल गोगोई ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत बढ़ती जुर्म की घटनाओं से उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था.


मंशा जमीन हड़पना व असमिया पहचान को खतरे में डालना
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने 25 अगस्‍त को दावा करते हुए कहा था कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की हालिया घटनाएं ‘‘जमीन हड़पने और असमिया लोगों की पहचान को खतरे में डालने के बड़े इरादे’’ से की जा रही हैं. उन्होंने अपराधों के पीछे ‘राजनीतिक संरक्षण’ होने की बात कही और साथ ही यह भी दावा किया कि वित्तीय ताकत असमिया लोगों के हाथों से निकलती जा रही है.


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शर्मा ने कहा, ‘‘कोई भी समाज पूर्ण नहीं होता. महिलाओं के खिलाफ अपराध एक हकीकत है. पिछले तीन साल में प्रदेश में ये अपराध कम हुए हैं. लेकिन हाल की घटनाओं के पीछे का असली इरादा बहुत बड़ा है, बलात्कार जैसे अपराधों के जरिए हमारी धरती और हमारी सभ्यता को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है.’’


उन्होंने बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों के खिलाफ 1979 से छह साल तक चले आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘असम में यह घटनाक्रम पिछले 30-35 साल से चल रहा है. इसीलिए असम आंदोलन हुआ. हमने अभी कट्टरपंथियों की पहचान की है, लेकिन 1975 में ही असमिया समाज को आगाह किया गया था कि ऐसा होगा.’’


उन्होंने यह दावा करते हुए कहा कि इस तरह के अपराधों के जरिए ‘‘जमीन हड़पने की बड़ी साजिश’’ रची जा रही है.


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शर्मा ने कहा, ‘‘ढिंग में पीड़ित परिवार ने मुझसे कहा कि वे अब वहां नहीं रहना चाहते... लोग अपनी संपत्ति बेच देते हैं और अन्य स्थानों पर चले जाते हैं. पांच लाख रुपये की जमीन के लिए उन्हें 50 लाख रुपये की पेशकश की जाती है.’’


गौरतलब है कि गुरुवार शाम नगांव के ढिंग इलाके में तीन लोगों ने 14 साल की एक लड़की से कथित तौर पर बलात्कार किया था. इस घटना के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ. पुलिस ने एक आरोपी को घटना के अगले दिन गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कथित तौर पर हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान तालाब में कूदने से उसकी मौत हो गई.


शर्मा ने दावा किया कि एक ‘‘तरीका’’ है जिसमें पहले, एक या दो व्यक्ति गांव में प्रवेश करते हैं और अपना घर बसाते हैं, फिर वे अपने घरों में मांस खाना शुरू कर देते हैं और पड़ोसी इससे असहज होकर क्षेत्र छोड़ना शुरू कर देते हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बारपेटा, मंगलदाई और अन्य स्थानों पर हो रहा है. पिछले मुख्यमंत्रियों ने ये बातें नहीं कही थीं लेकिन मैंने यह कहा है. किसी दिन मेरी जान को खतरा हो सकता है, लेकिन मैं यह कह रहा हूं क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है.’’


उन्होंने किसी समुदाय का नाम लिए बिना कहा, ‘‘यह सब पैसे का खेल है. वित्तीय ताकत असमिया लोगों के हाथों से निकलती जा रही है. वे इसका फायदा उठा रहे हैं.’’


(इनपुट: एजेंसी भाषा)