VIDEO: सन 1962 के युद्ध के जांबाज को रक्षा मंत्री ने जब अनोखे अंदाज में दिया सम्‍मान
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VIDEO: सन 1962 के युद्ध के जांबाज को रक्षा मंत्री ने जब अनोखे अंदाज में दिया सम्‍मान

जिस रेजांग ला की लड़ाई में भारत के 120 जवानों ने 18000 फीट की ऊंचाई पर चीन के 1300 सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे, वहीं रक्षा मंत्री वॉर वेटरेन को व्हीलचेयर पर लेकर पहुंचे. 

 

वॉर वेटरेन ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जतार को व्हीलचेयर पर ले जाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.

लद्दाख: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया, जहां भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था. स्मारक उन बहादुर भारतीय सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने रेजांग ला की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक वॉर वेटरेन को विशेष सम्मान दिया.

  1. रेजांग ला में नए युद्ध स्मारक का उद्घाटन
  2. बहादुर भारतीय सैनिकों को समर्पित स्मारक
  3. वॉर वेटरेन को व्हीलचेयर पर लेकर पहुंचे राजनाथ

वॉर वेटरेन का सम्मान 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1962 की लड़ाई में चीन के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जतार को व्हीलचेयर पर लेकर युद्ध स्मारक तक गए. इस अवसर पर उनके साथ चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत थे. जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद होने वाले भारतीय जवानों के नाम भी इस स्मारक में जोड़े गए हैं. 

 

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‘अंतिम गोली, अंतिम सांस’ तक लड़ा युद्ध

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस युद्ध स्मारक को भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस का उदाहरण बताया और कहा कि ‘यह ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में अमर है, बल्कि हमारे दिलों में भी जिंदा है.’ उन्होंने कहा, ‘18,000 फुट की ऊंचाई पर लड़ी गई रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई की कल्पना आज भी करना मुश्किल है. मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों ने ‘अंतिम गोली, अंतिम सांस’ तक लड़ाई लड़ी और साहस, बहादुरी का नया अध्याय लिखा.’

चीन के साथ चल रहा है तनाव

रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने 1962 के युद्ध में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में स्थित रेजांग ला तक पहुंचने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘रेजांग ला के युद्ध को दुनिया के 10 महानतम और सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य संघर्षों में से एक माना जाता है.’ सौन्दर्यीकरण के बाद स्मारक को ऐसे समय पर जनता के लिए खोला गया है जबकि भारत और चीन के बीच पिछले डेढ़ साल से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीन के आक्रामक रवैये और भारतीय सैनिकों को डराने के असफल प्रयास के बाद भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त में रेजांग लां क्षेत्र की कई पर्वत चोटियों पर नियंत्रण कर लिया. दोनों देशों के बीच गतिरोध पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था.

चीन विवाद पर शीर्ष कमांडरों से चर्चा

 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्मारक का उद्घाटन करने के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह क्षेत्र में एलओसी पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे रेजांग ला में कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि वह इजरायल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.

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