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लद्दाख: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया, जहां भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था. स्मारक उन बहादुर भारतीय सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने रेजांग ला की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक वॉर वेटरेन को विशेष सम्मान दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1962 की लड़ाई में चीन के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जतार को व्हीलचेयर पर लेकर युद्ध स्मारक तक गए. इस अवसर पर उनके साथ चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत थे. जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद होने वाले भारतीय जवानों के नाम भी इस स्मारक में जोड़े गए हैं.
#WATCH | Leh, Ladakh: Brigadier (Retd) RV Jatar of 13 Kumaon, who bravely fought in the 1962 Sino-Indian conflict, escorted by Defence Minister Rajnath Singh: PRO Udhampur, Ministry of Defence
(Source: PRO Udhampur, Ministry of Defence) pic.twitter.com/6bXg7qeEpE
— ANI (@ANI) November 18, 2021
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस युद्ध स्मारक को भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस का उदाहरण बताया और कहा कि ‘यह ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में अमर है, बल्कि हमारे दिलों में भी जिंदा है.’ उन्होंने कहा, ‘18,000 फुट की ऊंचाई पर लड़ी गई रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई की कल्पना आज भी करना मुश्किल है. मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों ने ‘अंतिम गोली, अंतिम सांस’ तक लड़ाई लड़ी और साहस, बहादुरी का नया अध्याय लिखा.’
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने 1962 के युद्ध में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में स्थित रेजांग ला तक पहुंचने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘रेजांग ला के युद्ध को दुनिया के 10 महानतम और सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य संघर्षों में से एक माना जाता है.’ सौन्दर्यीकरण के बाद स्मारक को ऐसे समय पर जनता के लिए खोला गया है जबकि भारत और चीन के बीच पिछले डेढ़ साल से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीन के आक्रामक रवैये और भारतीय सैनिकों को डराने के असफल प्रयास के बाद भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त में रेजांग लां क्षेत्र की कई पर्वत चोटियों पर नियंत्रण कर लिया. दोनों देशों के बीच गतिरोध पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्मारक का उद्घाटन करने के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह क्षेत्र में एलओसी पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी करेंगे. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे रेजांग ला में कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि वह इजरायल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.
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