रात 9 बजे 9 मिनट के लिए बत्तियां रहेंगी बंद? कितनी बचेगी लाइट?
इन दिनों लॉकडाउन की वजह से ही पूरे देश में पीक आवर डिमांड पिछले साल के मुकाबले 43 हजार मेगावाट कम है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार यानी 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की लाइटें बंद करके दिया या मोमबत्ती या टॉर्च जलाने को कहा है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक अफवाह उड़ाई जा रही है कि 5 अप्रैल को अचानक डिमांड कम होने से ग्रिड परिचालन ठप हो सकता है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसके पीछे की सच्चाई क्या है और महज 9 मिनट अंधेरे में रहकर हम कितनी बिजली बचा सकते हैं?
देश में बिजली को ग्रिड द्वारा पहुंचाना और रियल टाइम मैनेजमेंट करना पावरग्रिड और पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (Posoco) नाम की कंपनियों के पास है. हमारे घर तक बिजली नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर, रीजनल और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से हमारे घर तक पहुंचती है.
इतनी कम हो जाएगी बिजली की खपत
ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में इस समय बिजली की पीक आवर डिमांड लगभग 1,25,817 मेगावाट ( 2अप्रैल 2020 के डेटा के हिसाब से) है. वहीं, ग्रिड एक्सपर्ट बताते हैं कि 5 अप्रैल को नौ मिनट जब घरों के लाइट नहीं जलेंगे तो ये डिमांड घट कर 1.10 लाख मेगावॉट तक आ सकती है. यानि लगभग 15 हजार मेगावॉट बिजली की खपत उस समय कम होगी.
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लॉकडाउन का बिजली खपत पर असर
इन दिनों लॉकडाउन की वजह से ही पूरे देश में पीक आवर डिमांड पिछले साल के मुकाबले 43 हजार मेगावाट कम है. पिछली साल इसी समय में ये लगभग 1,68,500 मेगावॉट थी.
उर्जा मंत्रालय ने क्या कहा?
ऐसे में लोगों सोशल मीडिया पर ये सवाल उठे कि 5 अप्रैल को अचानक डिमांड कम होने से ग्रिड परिचालन ठप हो सकता है. इस मामले पर ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों ने साफ किया है कि 9 मिनट घर की लाइटें बंद रहने से ग्रिड पर कोई असर नहीं पड़ेगा, न ही पावर प्लांट बंद होंगे. कुछ लोगों के द्वारा ये फैलाया जा रहा है कि ग्रिड बंद हो जाएगा जो कि गलत है.
महाराष्ट्र के बिजली मंत्री का बेतुका बयान
सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी ग्रिड ठप होने को लेकर बेतुका बयान दे रहे हैं. महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राऊत का कहना है कि बिजली बंद होने से पावर ग्रिड फेल होने का खतरा पैदा हो सकता है. मैं महाराष्ट्र के लोगों से अपील करता हूं कि वो बिजली बंद ना करें.
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कैसे काम करता है ग्रिड?
ग्रिड एक्सपर्ट कह रहे हैं कि घर की लाइटों के अलावा घर में बहुत सारे उपकरण उन 9 मिनटों में तो चालू रहेंगे ही. ग्रिड अपने हिसाब से बिजली की डिमांड को एडजस्ट कर लेंगे ठीक उसी तरह जिस तरह रात में सोते समय लोग लाइट बंद करते हैं , तो उस कम खपत वाली डिमांड को एडजस्ट कर लिया जाता है.
अचानक लोड कम होने से ग्रिड पर क्या असर पड़ेगा?
अगर अचानक कोई लोड ज्यादा हो जाए यानि ज्यादा खपत हो जाए या फिर अचानक कम हो जाए तो कभी कभार ही चिंता का विषय होता है लेकिन ये तब होता है जब हमें पता न हो. अक्सर हमें पता रहता है कि कितना लोड हो सकता है. हमें 9 मिनट वाली बात भी पता है. ऐसी स्थिति में ग्रिड की लाइन कम लोड के लिए तैयार रहेंगी. और ये आम लोड भी उतना ही है जो आमतौर पर शाम को 4 बजे होता है यानि लगभग 1.10 लाख मेगावॉट. तो जो 4 बजे होता है वो 5 अप्रैल को रात को 9 बजे हो जाएगा उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा यानि बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्र या ग्रिड ठप नहीं होंगे. इसलिए अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
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