कहीं आप भी तो नहीं खा रहे नकली मावे से बनी मिठाई? ऐसे आसानी से करें पहचान
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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे नकली मावे से बनी मिठाई? ऐसे आसानी से करें पहचान

मिठाई बनाने के लिए बाजार से खोया खरीद रहे हैं तो भी आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि मिलावटी खोया की मिठाइयां आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं. 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: देशभर में दिवाली पर्व की धूम है. आज छोटी दिवाली है, गुरुवार को लक्ष्मी पूजा इसके बाद भाई दूज और छठ का पर्व मनाया जाएगा. त्योहारी सीजन में मिठाइयों की बिक्री बढ़ जाती है. मिठाइयों की ज्यादा मांग के चलते मार्केट में नकली मावे की मिठाइयां भी आ जाती हैं. ऐसे में अगर आप भी स्वीट्स की खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है. 

  1. मिलावटी मिठाइयों से रहें सावधान
  2. मार्केट में नकली मावे से बनी मिठाइयों की बाढ़
  3.  

मिठाइयां बनाने में सबसे मुख्य सामग्री खोया ही है. लेकिन इसकी शुद्धता को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते हैं. कुछ लोग सिंथेटिक खोया का इस्तेमाल मिठाइयां बनाने में करते हैं. ऐसे में चाहे आप बाजार से मिठाई लाएं या फिर घर में मिठाई बनाने के लिए खोया खरीदकर लाएं, आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि मिलावटी खोया की मिठाइयां आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं. 

ऐसे करें असली और नकली की पहचान

- मावे (खोया) में थोड़ी सी चीनी डालकर गर्म करें, अगर वो पानी छोड़ने लगे तो मिलावटी है.
- मावा को लेकर हाथ पर रगड़ें, असली होने पर इसमें देसी घी की खुशबू आएगी. नकली में अजीब तरह की दुर्गंध होगी.
- असली मावा खाने पर मुंह में चिपकता नहीं है, जबकि नकली मावा खाने पर मुंह में चिपकता है. असली मावा होने पर कच्चे दूध की तरह टेस्ट आएगा. मिलावटी मावा पानी में डालने पर टूटकर अलग हो जाएगा, जबकि असली मावा पतला होकर पानी में घुल जाएगा.
- वहीं, मोवा थोड़ा सा खाकर देखिए, मावा अगर दानेदार लगे तो ये मिलावट होने के संकेत हैं.

ऐसे बनता है नकली मावा

नकली मावा बनाने में स्टार्च, आयोडीन, सिंघाड़े का आटा और आलू मिलाया जाता है ताकि उसका वजन बढ़ सके. इसके अलावा नकली मावा, असली मावा की तरह दिखे, इसके लिए इसमें कुछ केमिकल भी मिलाया जाता है. कुछ दुकानदार मिल्क पाउडर में वनस्पति घी मिलाकर मावे को तैयार करते हैं.

कैसे बनता है सिंथेटिक दूध? 

- त्योहारों से पहले बाजार में सिंथेटिक दूध यानी जहरीले दूध की बिक्री भी बढ़ जाती है. सिंथेटिक दूध बनाने के लिए सबसे पहले उसमें यूरिया डालकर उसे हल्की आंच पर उबाला जाता है.
- इसके बाद इसमें कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च और फॉरेमैलिन मिलाया जाता है. इसके बाद इसमें थोड़ा असली दूध भी मिलाया जाता है.
- मिलावटी मावा और सिंथेटिक दूध पीने से फूड पॉयजनिंग, उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है. इसका किडनी पर भी बेहद बुरा असर पड़ता है.
- अधिक मात्रा में नकली मावे से बनी मिठाई खाने से लीवर को भी नुकसान पहुंच सकता है. कैंसर तक हो सकता है.

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