नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं और इसकी तैयारी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है और असफल होने वाले छात्र दोबारा प्रयास करते हैं. हरियाणा के रोहतक की रहने वाली अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिन्होंने एक छोटे कस्बे से निकलकर आईएएस बनने तक का सफर पूरा किया. अंकिता चौधरी यूपीएससी एग्जाम में फेल भी हुईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 14वीं रैंक हासिल कर देश की तमाम लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायी मिसाल कायम की.


पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन के बाद शुरू की तैयारी


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हरियाणा के रोहतक जिले के एक कस्बे की रहने वाली अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की शुरुआती पढ़ाई रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से हुई. 12वीं के बाद अंकिता ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया और केमेस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी एग्जाम देने का मन बना लिया था और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं.


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मास्टर करने से पहले नहीं दी यूपीएससी परीक्षा


अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने जब तक पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट नहीं हो गई तब तक यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा नहीं दी. मास्टर डिग्री कंप्लीट होने के बाद वह पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में लग गईं.



मां की मौत के बाद टूट गई थीं अंकिता


यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की मां की मौत एक रोड एक्सीडेंट में हो गई. मां की मौत का सदमा अंकिता को काफी लगा था और वह टूट गई थीं.


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पिता की प्रेरणा से बनी आईएएस


अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) को उनके पिता ने संभाला और हौसला दिया. अंकिता के पिता सत्यवान रोहतक की चीनी मिल में अकाउंटेंट के पद पर तैनात हैं और पिता से मिली प्रेरणा ने ही अंकिता को आईएएस बनने में काफी मदद की. इसके बाद वह पूरी लगन और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं.



पहले प्रयास में हो गईं फेल


अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने जब साल 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी तो वे फेल हो गईं. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमियों का एनालिसिस कर दूसरे प्रयास के लिए सुधारकर बेहतर तरीके से तैयारी की.


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दूसरे प्रयास में मिली सफलता


अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने साल 2018 में दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी. दूसरी बार उनकी रणनीति इतनी प्रभावी थी कि उन्होंने ऑल इंडिया में 14वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बन गईं.


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