कैसे बन सकते हैं IAS अफसर? जानें UPSC Exam से जुड़े हर सवाल का जवाब
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कैसे बन सकते हैं IAS अफसर? जानें UPSC Exam से जुड़े हर सवाल का जवाब

How to become an IAS Officer: क्या आपको पता है कि कैसे आईएएस अफसर बन सकते हैं और एक आईएएस की ताकत क्या होती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि एक आईएएस (IAS Officer) बनने के लिए क्या करना पड़ा है.

आईएएस अफसर रेनू राज (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम (UPSC Exam) पास करने के बाद आईएएस, आईपीएस, आईईएस या आईएफएस अधिकारी पर चयन होता है, लेकिन इन सभी अधिकारियों का काम अलग होता है और उनकी भूमिकाएं भी अलग-अलग होती हैं. क्या आपको पता है कि कैसे एक आईएएस अफसर बन सकते हैं और एक आईएएस की ताकत क्या होती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि एक आईएएस अफसर (IAS Officer) बनने के लिए क्या करना पड़ा है.

  1. यूपीएससी एग्जाम के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन है
  2. अलग-अलग कैटेगरी के लिए अलग-अलग उम्र सीमा निर्धारित है
  3. आईएएस बनने के लिए 3 स्टेज पार करने पड़ते हैं

आईएएस बनने के लिए एजुकेशन क्वालिफिकेशन?

आईएएस बनने के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) देना पड़ा है और इसके लिए किसी भी आवेदक का ग्रेजुएट होना जरूरी है. किसी भी सब्जेक्ट या स्ट्रीम से ग्रेजुएट स्टूडेंट इस एग्जाम के लिए अप्लाई कर सकता है. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और इसकी तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

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सिविल सर्विस एग्जाम के लिए उम्र सीमा (Age Limit for CSE)?

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल होने के लिए स्टूडेंट्स की न्यूनतम उम्र (Minimum Age for Civil Services Exam) 21 वर्ष है. सामान्य वर्ग (General Category) के आवेदक अधिकतम 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार इस परीक्षा में हिस्सा ले सकता हैं. एसटी-एससी के लिए उम्र सीमा 21 साल से 37 साल है, जबकि इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स को एग्जाम अटेम्प्ट करने की कोई लिमिट नहीं है. ओबीसी के लिए उम्र सीमा 21 से 35 साल है और इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स 9 बार एग्जाम दे सकते हैं. वगी फिजिकली डिसएबल कैंडिडेट्स के लिए उम्र सीमा 21 से 42 साल है. इस कैटेगरी में जनरल और ओबीसी कैंडिडेट्स 9 बार एग्जाम दे सकते हैं, जबकि एसटी-एससी के लिए कोई लिमिट नहीं है.

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सब्जेक्ट सेलेक्शन बेहद जरूरी

सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Services Exam) के लिए कुल 25 विषयों में से अपना विषय चुनना होता है. सब्जेक्ट सेलेक्ट करते समय यह ध्यान दें कि विषय वही चुनें, जिसमें आपको पढ़ाई करना आपके लिए आसान हो. दसवीं के बाद उस सब्जेक्ट को ही चुनें, जिसमें आपकी रूचि हो और जिसे आप सिविल सर्विस एग्जाम के दौरान चुन सकें. पसंद का विषय होने से आपको तैयारी में भी आसानी होगी.

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ऐसे करें यूपीएससी एग्जाम की तैयारी

यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है. इसके लिए अपना एक रूटीन बनाएं और उसी के हिसाब से तैयारी करें. करेंट अफेयर्स को लेकर जागरुक रहें और इसके लिए रोज अखबार व मैगजीन पढ़ें. हर सब्जेक्ट के लिए अलग नोट्स बनाएं और रेगुलर रिवीजन करते रहें. इसके साथ ही पढ़ाई के लिए कोचिंग की भी मदद ले सकते हैं, हालांकि यह जरूरी नहीं है. एग्जाम की तैयारी के लिए मॉक टेस्ट दे सकते हैं, जिससे आपकी प्रैक्टिस होगी.

आईएएस बनने के लिए पार करने पड़ते हैं 3 स्टेज

यूपीएससी एग्जाम पास करने के लिए स्टूडेंट्स को 3 स्टेज क्लियर करने पड़ते हैं. इसमें सबसे पहले कैंडिडेट्स को प्रीलिमिनरी एग्जाम (UPSC Preliminary Exam) पास करना पड़ता है. प्रीलिम्स एग्जाम पास करने के बाद स्टूडेंट्स को मेंस एग्जाम (UPSC Mains Exam) देना होता है और इसे पास करने के बाद कैंडिडेट्स को इंटरव्यू (UPSC Interview) के लिए बुलाया जाता है.

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प्रीलिम्स एग्जाम देने होते हैं दो पेपर

यूपीएससी के प्रीलिम्स एग्जाम में दो-दो घंटे के 2 पेपर होते हैं. दूसरा पेपर सीसैट क्वालीफाइंग होता है और इसमें पास होने के लिए 33 फीसदी नंबर लाना जरूरी है. वहीं पहले पेपर के नंबर के आधार पर कटऑफ तैयार किया जाता है और कटऑफ के अनुसार उम्मीदवार मेंस एग्जाम के लिए चयनित होते हैं.

प्रीलिम्स के बाद मेंस एग्जाम

मेंस एग्जाम में दो पेपर लैंग्वेज के होते हैं, जो क्वालीफाइंग होते हैं और इनमें 33 फीसदी नंबर लाना जरूरी है. दोनों पेपर तीन-तीन घंटे के होते हैं. एक पेपर निबंध का होता है और 3 घंटे में अपनी पसंद की अलग-अलग टॉपिक पर दो निबंध लिखने होते हैं. इसके अलावा जनरल स्टडीज के चार पेपर होते हैं, जिनके लिए तीन-तीन घंटे का समय मिलता है. आखिर में ऑप्शनल पेपर होता है, जिसमें दो एग्जाम होते हैं और इसका विषय उम्मीदवार द्वारा चुना जाता है. मेंस एग्जाम की मेरिट लिस्ट में क्वालीफाइंग को छोड़कर सभी पेपर्स ने नंबर शामिल किए जाते हैं.

मेंस पास करने के बाद इंटरव्यू

मेंस रिजल्ट आने के बाद उम्मीदवार को एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना होता है, जिसके आधार पर पर्सनैलिटी टेस्ट होता है. फॉर्म में भरी गई जानकारियों के आधार पर ही इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछे जाते हैं. इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसी के आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है.

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रैंकिंग के आधार पर मिलती है IAS पोस्ट

अलग-अलग कैटेगरी (जनरल, SC, ST, OBC, EWS) की रैंकिंग तैयार की जाती है और रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस या आईएफएस रैंक दी जाती है. टॉप की रैंक वालों को आईएएस मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IRS होता है तो नीचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है. इसके बाद के रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है.

विभिन्न मंत्रालयों में काम करते हैं आईएएस अधिकारी

UPSC क्लियर करने वाले उम्मीदवारों को IAS यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा के माध्यम से देश के नौकरशाही ढांचे में काम करने का मौका मिलता है. हालांकि इससे पहले चयनित उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी जाती है. IAS अधिकारी विभिन्न मंत्रालयों और प्रशासन के विभागों में नियुक्त किए जाते हैं. कैबिनेट सचिव एक IAS अधिकारी के लिए सबसे वरिष्ठ पद होता है.

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