DNA Analysis: भ्रष्टाचारी को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन 'दुल्हन हम ले जाएंगे', सीक्रेट रेड की INSIDE STORY
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DNA Analysis: भ्रष्टाचारी को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन 'दुल्हन हम ले जाएंगे', सीक्रेट रेड की INSIDE STORY

Enforcement Directorate: देश आजादी का 75वां साल मना रहा है. लेकिन भ्रष्टाचार अब भी देश की बड़ी समस्या बना हुआ है. एजेंसियों ने एक महीने में दूसरी बार करोडों रुपये जब्त किए हैं. 

DNA Analysis: भ्रष्टाचारी को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन 'दुल्हन हम ले जाएंगे', सीक्रेट रेड की INSIDE STORY

Enforcement Directorate: देश आजादी का 75वां साल मना रहा है. लेकिन आज भी देश भ्रष्टाचार की गुलामी से मुक्त नहीं हो पाया है. कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने का लालच ही हर तरीके के भ्रष्टाचार को जन्म देता है. एक महीने के भीतर दूसरी बार करोड़ों रुपये कैश जब्त हुए. पिछले महीने कोलकाता में पश्चिम बंगाल के पूर्व कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग ठिकानों से 50 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुआ था. कोलकाता से कैश, विदेशी करेंसी और सोना मिलाकर कुल 55 करोड़ जब्त हुआ था. 

महाराष्ट्र के जालना से 70 करोड़ रुपये बरामद

अब महाराष्ट्र के जालना से कैश और सोना मिलाकर 70 करोड़ बरामद हुआ है. एक महीने से भी कम समय में देश की 2 सरकारी एजेंसियों ED और आयकर विभाग ने कुल 125 करोड़ रुपये जब्त किए हैं.

आपने ये जरूर सुना होगा. पूत कपूत तो क्यों धन संचय, पूत सपूत तो क्यों धन संचय. इसका मतलब है कि पुत्र यदि संस्कारी और गुणवान हो तो धन इकट्ठा करने से क्या लाभ. वो खुद ही अपना और परिवार का खर्च उठाने में सक्षम हो जाएगा. पुत्र यदि काबिल नहीं है तो आपने जो भी जमा किया है, वो सब गंवा देगा. हालांकि सामान्य जिंदगी में इस कहावत पर कोई ध्यान नहीं देता है.

पारदर्शिता में भारत 85वें नंबर पर

Transparency International की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के Corruption Perceptions Index में 180 देशों में भारत 85वें नंबर पर है. 2020 में भारत 86वें नंबर पर था. एक साल में केवल 1 रैंक का सुधार हुआ. सवाल ये उठता है आखिर यहां भ्रष्टाचार क्यों ज्यादा है.

दरअसल भ्रष्टाचार एक बीमारी है. कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसे जुटाने के लालच में ज्यादा से ज्यादा बेईमानी और टैक्स चोरी होती हैं. Absolute Power Corrupts Absolutely.मतलब जिसके पास ज्यादा पावर है वो ज्यादा भ्रष्ट है. ये भावना इसलिए आती है क्योंकि पावर डर को खत्म कर देता है. Powerful लोगों को लगता है कि बड़े पद है तो पकड़े नहीं जाएंगे.

इसी तरह पावर और पैसे की वजह से कानून से बचने का भी भरोसा होता है. देश में अगर कई भ्रष्ट लोगों के पकड़े जाने का उदाहरण है तो काफी ऐसे उदाहरण भी है जिसमें पद और पैसे के दम पर लोग भ्रष्टाचार करके बच जाते हैं.

भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं सत्ता में बैठे लोग

जब कोई पहली बार बेईमानी करके पैसे जुटाना शुरू करता है तो फिर उसका लालच बढ़ता जाता है. वो केवल अपने लिए ही नहीं अपने बच्चों और उनके बच्चों के लिए भी ज्यादा से ज्यादा पैसे जुटाने की कोशिश करता है.

देश में अक्सर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप पावरफुल लोगों पर ही लगते हैं. नौकरशाह, नेता, बड़े स्टार, उद्योगपति अक्सर टैक्स चोरी और गलत तरीके से पैसे चुराने के आरोप में पकड़े जाते हैं. तो क्या पावरफुल लोगों को ऐसा लगता है कि उन्हें बेईमानी करने का लाइसेंस मिल गया है. अगर आपसे अभी पूछा जाए कि 125 करोड़ रुपये में कितने जीरो होते हैं तो आपको ये बताने में काफी समय लगेगा.

क्या आपको ये पता है 125 करोड़ रुपये में क्या-क्या हो सकता है. एक महीने के भीतर 125 करोड़ रुपये जब्त हुए हैं. आज आपको DNA में एक विश्लेण बताते हैं, जिससे आप समझेंगे 125 करोड़ रुपये कितनी बड़ी रकम है.

125 करोड़ रुपये मे लाखों लोगों का हो सकता है भला

स्कूल में बच्चों को दिन में सरकार की ओर से भोजन दिया जाती है. इसे मिड डे मील कहा जाता है. प्राइमरी स्कूल में पहली से पांचवीं क्लास के एक छात्र के मिड डे मील पर 4.97 रु ख़र्च होता है. 125 करोड़ में 25 करोड़ से ज्यादा बच्चों को एक दिन का मिड डे मील दिया जा सकता है.

अब आपको 125 करोड़ की रकम को एक स्कूल के उदाहरण से समझाते हैं. एक इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल बनाने का खर्च 5 लाख रुपये आता है. 125 करोड़ रुपये में 2500 ऐसे स्कूल बन सकते हैं. एक और उदाहरण से आपको समझाते हैं. एक शौचालय बनाने का खर्च 15 हजार रुपये है. 125 करोड़ रुपये में 83 हजार 337 शौचालय बन सकते हैं.

भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी मेहनत कर रही एजेंसियां

सरकारी एजेंसियां जब ऐसी छापेमारी करती है तो इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो जाती है. सरकार पर विपक्ष को डराने, धमकाने का आरोप लगता है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि 8 साल में सरकार ने ऐसी छापेमारी से कितने करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की? आज आपको ये जानना चाहिए कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए देश में सरकारी एजेंसियां कितनी मेहनत करती हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 से अब तक ED ने 3010 छापे मारे और 99 हजार 356 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की.  2004 से 2014 के बीच ED ने 112 छापे मारे और 5 हजार 346 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई. Prevention of Money Laundering Act के तहत ED ने ये संपत्तियां अटैच की. Prevention of Money Laundering Act वर्ष  2005 में लागू हुआ था.

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