युद्ध हुआ तो चीन की मॉल्डो सैनिक छावनी को तबाह कर देगा भारत, कर रखी हैं घातक तैयारियां
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युद्ध हुआ तो चीन की मॉल्डो सैनिक छावनी को तबाह कर देगा भारत, कर रखी हैं घातक तैयारियां

लद्दाख में पेंगोंग झील के दोनों तरफ भारत अपना दबदबा बना चुका है. यह बात चीन की PLA हजम नहीं कर पा रही है. यही वजह है कि वह सीमा पर तरह तरह के हथकंडे और नए नए हथियारों से हिंद की सेना को डराने का प्रयास कर रही है.

भारतीय पोस्ट के पास Guandao हथियार लिए खड़े चीनी सैनिक (फाइल पिक)

लद्दाख: लद्दाख में पेंगोंग झील के दोनों तरफ भारत अपना दबदबा बना चुका है. यह बात चीन की PLA हजम नहीं कर पा रही है. यही वजह है कि वह सीमा पर तरह तरह के हथकंडे और नए नए हथियारों से हिंद की सेना को डराने का प्रयास कर रही है. लेकिन हिंद की सेना के वीर सैनिक हर बार उसे खदेड़कर औकात में लाने में जुटे है. 

  1. बंदूकों के साथ घातक Guandao हथियार लेकर आए थे चीनी सैनिक
  2. युद्ध की स्थिति में चीन की मॉल्डो सैनिक छावनी को तबाह कर देगा भारत
  3. हालात सुलझाने के लिए फिर से कोर कमांडर स्तर की बातचीत!

बंदूकों के साथ घातक Guandao हथियार लेकर आए थे चीनी सैनिक 
चीन के सैनिक 7 सितंबर को घुसपैठ के लिए अपनी बंदूकों के साथ Guandao भी लेकर आए थे. Guandao का इस्तेमाल चाइनीज़ Martial Arts में किया जाता है. इस हथियार में करीब 5 फीट लंबे डंडे के एक छोर पर डेढ़ फीट की धारदार तलवार लगी होती है. इस हथियार का वज़न 10 किलोग्राम से भी कम होता है. इस हथियार को आप तलवार और भाले का मिला-जुला रूप कह सकते हैं. इसमें दोनों ही हथियारों के घातक गुण मौजूद हैं.

युद्ध की स्थिति में चीन की मॉल्डो सैनिक छावनी को तबाह कर देगा भारत
पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर LAC के पास मुकपरी और रेकिन ला दोनों भारत की सबसे महत्वपूर्ण मिलिट्री Posts हैं. इन पर 29 और 30 अगस्त की रात से भारत के जवान तैनात हैं.  इन चोटियों से मोल्दो में चीन के सैन्य ठिकाने पर नजर रखी जा सकती है, जो LAC के पास चीन का बड़ा सैन्य अड्डा है. इससे चीन को मोल्दो के अपने सैन्य अड्डे पर खतरा नज़र आ रहा है. कुछ सैन्य जानकारों के अनुसार चुशूल इलाके में भारतीय सैनिक अब वहां तक पहुंच चुके हैं, जहां से भारत और चीन के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा मात्र 20-25 किलोमीटर दूर है. यह अक्साई चिन के ठीक नीचे पूर्वी लद्दाख का इलाका है. वर्ष 1962 के युद्ध तक यही अंतरराष्ट्रीय सीमा दोनों देशों के बीच हुआ करती थी. लेकिन उस लड़ाई के बाद से चीन के सैनिक कई किलोमीटर आगे घुस आए थे और लगभग 60 साल के बाद भारत ने अपनी खोई हुई कुछ जमीन हासिल कर ली है.

हालात सुलझाने के लिए फिर से कोर कमांडर स्तर की बातचीत!
सीमा पर हालात सुलझाने के लिए पिछले 3 महीनों में अबतक दोनों देशों के बीच 5 बार कोर कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी है. गुरुवार को भी दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर और कमांडिंग अफसरों ने 3 घंटे तक बातचीत की . लेकिन इसका कोई नतीजा सामने नहीं आया. संभावना जताई जा रही है कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत फिर से शुरू हो सकती है. चिंता की बात ये है कि इस समय LAC की कई Posts पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच की दूरी सिर्फ 300 मीटर है और वे एक-दूसरे की फायरिंग रेंज में हैं. ऐसे में किसी भी पक्ष की गलती से युद्ध भड़कते देर नहीं लगेगी. 

ये भी पढ़ें- लद्दाख में भारत की 'रण-नीति' में उलझा चीन, सूझ नहीं रहा बाहर निकलने का रास्ता

चीन की नापाक चालों को देखते हुए तीनों सेनाओं की तैयारियां तेज
इसी बीच, चीनी सेना की ओर से युद्ध की तैयारियों को तेज करते देख भारत की तीनों सेनाएं भी पूरी तरह एक्शन में हैं. भारतीय सेना ने ऊंचे इलाकों में बोफोर्स और होवित्जर तोपों की तैनाती शुरू कर दी है. वहीं भारतीय वायु सेना ने LAC के पास बनी हवाई पट्टियों और हेलीपैड को आपात स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए रेडी करना शुरू कर दिया है. वायु सेना ने LAC के बिल्कुल पास बने दौलतबेग ओल्डी एयरपोर्ट पर भी छोटे विमानों की लैंडिंग कराई गई है.

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