बड़ा बदलाव: भारतीय सेना ने पहली बार महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर किया प्रमोट
Advertisement
trendingNow1971192

बड़ा बदलाव: भारतीय सेना ने पहली बार महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर किया प्रमोट

भारतीय सेना (Inidian Army) ने ऐतिहासिक बदलाव करते हुए 5 महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर प्रमोट किया है.  ये महिला अधिकारी सर्विस के 26 साल पूरे कर चुकी हैं. इस फैसले से सेना की ज्यादातर ब्रांच में महिलाओं के लिए अवसर और बढ़ने की संभावन है.

 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: भारतीय सेना (Inidian Army) ने सर्विस के 26 साल पूरे होने के बाद 5 महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर पदोन्नत किया है. यह पहली बार है कि कोर ऑफ सिग्नल, कोर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) और कोर ऑफ इंजीनियर्स के साथ सर्विस में रहते हुए महिला अधिकारियों को कर्नल के पद पर मंजूरी दी गई है. पहले, कर्नल के पद पर प्रमोशन केवल आर्मी मेडिकल कोर (AMC), जज एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शिक्षा कोर (AEC) में महिला अधिकारियों के लिए लागू थी.

  1. भारतीय सेना का ऐतिहासिक फैसला
  2. 5 महिला अधिकारियों का कर्नल रैंक पर प्रमोशन
  3. सर्विस के 26 साल पूरे कर चुकीं महिलाओं का प्रमोशन

महिला अधिकारियों के लिए करियर के अवसर बढ़े

भारतीय सेना  (Inidian Army) की ज्यादा शाखाओं में प्रमोशन के रास्ते का विस्तार महिला अधिकारियों के लिए करियर के बढ़ते अवसरों का संकेत है. भारतीय सेना की ज्यादातर ब्रांच से महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के निर्णय के साथ, यह कदम एक जेंडर-न्यूट्रल आर्मी के प्रति भारतीय सेना के दृष्टिकोण को परिभाषित करता है. कर्नल टाइम स्केल रैंक के लिए चुनी गई पांच महिला अधिकारियों में- सिग्नल कोर से लेफ्टिनेंट कर्नल संगीता सरदाना, ईएमई कोर से लेफ्टिनेंट कर्नल सोनिया आनंद और लेफ्टिनेंट कर्नल नवनीत दुग्गल और कोर से लेफ्टिनेंट कर्नल रीनू खन्ना और इंजीनियरों की लेफ्टिनेंट कर्नल रिचा सागर शामिल हैं.

NDA  एंट्रेंस एग्जाम की परमीशन

एक बड़े घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते एक अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें महिलाओं को नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) में एंट्रेंस एग्जाम देने की परमीशन दी गई, जहां पहले केवल पुरुष ही शामिल हो सकते थे. केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने तर्क दिया कि यह सरकार का नीतिगत निर्णय है. केंद्र की दलील से असहमत, जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि यह लैंगिक भेदभाव पर आधारित एक नीतिगत निर्णय है. केंद्र को रचनात्मक दृष्टिष्टिकोण रखना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Bengaluru: बॉयलर फटने से जोरदार धमाका, दो लोगों की मौत; 3 बुरी तरह घायल

कोर्ट ने की सख्त टीप्पणी

शीर्ष अदालत ने महिलाओं के लिए अवसरों का विरोध करने के लिए सेना की खिंचाई की और उसे अपना रवैया बदलने और ऐसे मामलों में न्यायिक आदेश पारित होने का इंतजार नहीं करने को कहा. अदालत ने निर्देश दिया कि महिलाएं NDA में प्रवेश के लिए परीक्षा में बैठ सकती हैं, जो 5 सितंबर को निर्धारित है. कोर्ट ने कहा कि प्रवेश आदि उसके अंतिम आदेश के अधीन होंगे. पीठ ने कहा कि एनडीए में महिलाओं के लिए बार नहीं बना सकते.

(INPUT: IANS)

LIVE TV
 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news