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नई दिल्ली: नए आईटी नियमों (IT Rules) को लेकर मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप (WhatsApp) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि इन नियमों से यूजर्स की निजता का उल्लंघन होगा. इस बीच सोशल मीडिया पर आईटी नियमों को लेकर कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के बंद होने के अलावा हर मैसेज पर सरकार नी नजर होने का दावा किया जा रहा है.
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि नए आईटी नियमों (IT Rules) के लागू होने के बाद आपके सभी व्हाट्सएप कॉल रिकॉर्ड होंगे और सरकार आपकी सभी तरह के मैसेजेस के अलावा गतिविधियों पर नजर रखेगी. मैसेज में कहा जा रहा है कि व्हाट्सऐप (WhatsApp) ने एक नया टिक सिस्टम लागू किया है. इसमें दो ब्लू टिक और एक रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार कार्रवाई कर सकती है, जबकि तीन रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार ने अदालती कार्रवाई शुरू कर दी है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज को लेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने फैक्ट चेच किया है और यूजर्स को चेतावनी दी है. पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्विटर पर लिखा, 'एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा अब 'नए संचार नियम' के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी रखी जाएगी. #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है. भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है. ऐसे किसी भी फर्जी/अस्पष्ट सूचना को फॉरवर्ड ना करें.'
एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा अब 'नए संचार नियम' के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी रखी जाएगी।#PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है।
भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है।
ऐसे किसी भी फ़र्ज़ी/अस्पष्ट सूचना को फॉरवर्ड ना करें। pic.twitter.com/mW9LT2W1k4— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 27, 2021
सरकार और व्हाट्सऐप के बीच विवाद नए आईटी नियमों (New IT Rules) की वजह से चल रहा है. दरअसल, 21 फरवरी 2021 को भारत सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन लेकर आई और इन्हें लागू करने के लिए 25 मई तक का समय दिया. नए नियमों के अनुसार, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है. यानी अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था.
नए नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना होगा. ये अधिकारी भारत के ही रहने वाले होने चाहिए और इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट के अलावा ऐप पर होना अनिवार्य है, ताकि लोग शिकायत कर सकें. इसके साथ ही अधिकारियों के लिए शिकायत का अपडेट देने के लिए 15 दिनों समयसीमा भी तय की गई है. कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है.
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