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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर पाकिस्तान का नाम सामने आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आड़ में भारत मे दंगा कराने के पीछे अंतराष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ है और इसमें पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) का हाथ था.
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने किसानों के प्रदर्शन को हिंसक रूप देने के लिए खालिस्तानी आतंकियों के साथ बैठक की थी. इसके लिए आईएसआई ने कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका में स्थित पाकिस्तानी दुतावास के जरिए खालिस्तानी आतंकियों के साथ कई राउंड की बैठक की थी.
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भारत में हो रहे किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को अंतरराष्ट्रीय रंग देने के लिए भारत के कुछ ऑनलाइन न्यूज पोर्टल को साजिश में शामिल किया गया था. बैठक में ये फैसला किया गया था कि उन्हीं न्यूज पोर्टल को प्लान में शामिल करना है, जो मोदी सरकार के खिलाफ हैं और जो वामपंथी विचारधारा के है.
इस कड़ी में कई भारतीय पत्रकारों को भी साजिश में शामिल किया गया जो लगातार पीटर फेडरिक के भारत विरोधी ट्वीट को अपने ट्वीटर हैंडल से भी रिट्वीट करते रहे. जांच एजेंसियों के मुताबिक पीटर फेडरिक (Peter Frederick) के तमाम भारत विरोधी आर्टिकल को भारतीय न्यूज पोर्टल में एक साजिश के तहत जगह दी गई, जिससे मोदी सरकार पर हमले किए जा सके.
टूलकिट केस (Toolkit Case) में चल रही जांच में पीटर फ्रेडरिक (Peter Frederick) दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों के रडार पर है. जांच एजेंसियों के मुताबिक ग्रेटा थनबर्ग ने जिस टूलकिल दस्तावेज को ट्वीटर पर शेयर कर बाद में डिलीट कर दिया था, उस मामले की जांच में पता चला है कि टूलकिट से पीटर फेडरिक नाम का एक विदेशी भी जुड़ा था.