जम्मू-कश्मीर में गर्मी का कहर, पिछले 4 दशकों का टूटा रिकॉर्ड
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जम्मू-कश्मीर में गर्मी का कहर, पिछले 4 दशकों का टूटा रिकॉर्ड

श्रीनगर में 35.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से 6 डिग्री अधिक है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में श्रीनगर में सबसे गर्म दिन 01 अगस्त 1981 को दर्ज किया गया था. अब यह रिकॉर्ड टूट गया है.

जम्मू-कश्मीर में गर्मी का कहर, पिछले 4 दशकों का टूटा रिकॉर्ड

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर (srinagar) में लगभग चार दशकों में पहली बार अगस्त में सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड हुआ जब तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके साथ ही श्रीनगर में पिछले 39 वर्षों में अगस्त के महीने में सबसे अधिक दिन का तापमान दर्ज होने का रिकॉर्ड टूटा गया है. 

मौसम विभाग के अनुसार, श्रीनगर में 35.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से 6 डिग्री अधिक है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में श्रीनगर में सबसे गर्म दिन 01 अगस्त 1981 को दर्ज किया गया था. अब यह रिकॉर्ड टूट गया है. बारिश नहीं होने से अगस्त के अधिकांश दिनों में कश्मीर और लद्दाख में मौसम शुष्क बना रहा. इस लंबे शुष्क मौसम के कारण पिछले कुछ दिनों के दौरान कश्मीर में दिन के तापमान में तेज वृद्धि हुई है.

कश्मीर मौसम विभाग के निर्देशक सोनम लोटस का कहना है, " पिछले 39 से 40 सालों में इस बार अगस्त में पारा बहुत चढ़ा है रिकॉर्ड ब्रेकिंग तापमान रिकॉर्ड हुआ है. इस की वजह है जुलाई और अगस्त में बारिश बहुत काम हुई और हवा में खुश्की रही इसलिए तापमान बढ़ा है. यह रिकॉर्ड ब्रेकिंग तापमान केवल श्रीनगर नहीं, बल्कि पूरे कश्मीर में दर्ज हुआ है. " 

बता दें कि कश्मीर में 1 जून और 17 अगस्त के बीच सामान्य से 54 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है. इसने घाटी के कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान के कगार पर खड़ा कर दिया है. वही कश्मीर के लोगों को पानी की कमी की बढ़ती समस्या सड़कों पर ला रही है. आए दिन जगह जगह पानी की कमी को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं.

श्रीनगर में प्रदर्शन कर रहे युवा वाहिद कहतें हैं, " यह जो गर्मी होगी इस गर्मी में भी चौबीस घंटों में एक घंटा भी पानी नहीं होता है आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी मुशिकल होती है चलो गर्मी होगी चौबीस घंटा पानी मत दो फिर भी दिन का तीन चार घंटा पानी तो दे दो अब सब्र टूट गया इसलिए हम सड़कों पर आ गए."

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वहीं मारूफ़ कहती हैं, " वाटर लेवल काम हो गया, सब कुछ काम हो गया और यह हमें पानी नहीं मिल रहा तो हम कहां जाएं."

कश्मीर जहां देश के बाकी हिस्सों के लोग गर्म मौसम से राहत पाते हैं और देश भर में गर्मियां पड़ते ही यहां का रुख करते थे, लेकिन यह स्वर्ग भी तेज धूप से झुलसा रहा है और कश्मीर के लोगों का कहना है कि उन्होंने कभी भी ऐसी तेज गर्मी नहीं देखी है. श्रीनगर सहित पूरे कश्मीर में लोग गर्मी से बेहाल दिखते हैं. 

श्रीनगर के निवासी नज़ीर अहमद कहते हैं,  "आप पूछिए मत कितनी गर्मी लगी इस साल. मेरे उम्र होगी 40 साल, मैंने ऐसी गर्मी नहीं देखी है. यहां का मौसम भी बदल गया, सारा माहौल बदल गया. पानी की बहुत कमी हो गई है. प्यास लगती है पानी नहीं है."

वहीं तनवीर कहते है, "जीवन में पहली बार ऐसी गर्मी देखी है. बहुत मुश्किल हो रही है, घर से निकल नहीं सकते. कश्मीर में लोग आते थे ये सोचकर कि कश्मीर ठंडा रहता है, मगर इस साल कोई फर्क नहीं रहा. बाकी राज्यों और कश्मीर में.''

घाटी में शुष्क और गर्म मौसम की स्थिति के चलते इस साल असामान्य गर्मी देखने को मिली है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग है. धरती का तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. अगर कुछ ठोस न किया गया तो लोगों को भविष्य में कठोर मुश्किलों का सामना करना पड़ता सकता है.

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