Jammu-Srinagar national highway में बिछी बर्फ की चादर, फ्लाइट्स कैंसल; मुगल रोड भी बंद
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Jammu-Srinagar national highway में बिछी बर्फ की चादर, फ्लाइट्स कैंसल; मुगल रोड भी बंद

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के कुलगाम जिले में कुछ जगहों पर पांच से छह फीट बर्फ जमी हुई है. वहीं अनंतनाग जिले में भी भारी बर्फबारी हुई है. कम विजिबिलिटी की वजह से कई जगह ट्रैफिक की रफ्तार पर बुरा असर पड़ा. 

कश्मीर घाटी में लगातार चौथे दिन बर्फबारी हुई.....

श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) घाटी में रविवार को शुरू हुई बर्फबारी जारी है. बुधवार को जन्नत के नाम से कश्मीर का संपर्क देश से बाकी हिस्सों से कटा रहा. लगातार चौथे दिन बर्फबारी से हवाई यातायात प्रभावित भी हुआ. फ्लाइट्स कैंसल हुईं वहीं कई लोगों को हाईवे पर फंसने को मजबूर होना पड़ा. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक गुरुवार से मौसम में सुधार होने की संभावना है. घाटी की बिजली व्यवस्था पर असर पड़ा है. इस बीच कई जगहों पर बर्फ और भूस्खलन की वजह से ट्रैफिक रोकना पड़ा. सबसे ज्यादा असर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (Jammu-Srinagar national highway) और मुगल रोड (Mughal road) पर देखा गया.

हाईवे पर यहां लगा जाम, बर्फ हटाने का काम जारी

अधिकारियों के मुताबिक जवाहर टनल (Jawahar Tunnel), समरोली, मगरकोट, पंथ्याल, कैफेटेरिया मोड़, ढालावास और नाशरी में भूस्खलन की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अधिकारी ने कहा कि स्नो क्लीयरेंस ऑपरेशन तेजी से जारी है. फंसे वाहनों की आवाजाही बहाल करने की कोशिश में प्रशासन लगातार काम कर रहा है.

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सबसे ज्यादा बर्फबारी

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के कुलगाम जिले में कुछ जगहों पर पांच से छह फीट बर्फ जमी हुई है. वहीं अनंतनाग जिले में भी भारी बर्फबारी हुई है. कम विजिबिलिटी की वजह से कई जगह ट्रैफिक की रफ्तार पर बुरा असर पड़ा. अधिकारियों का कहना है कि उनकी कोशिश है कि जरूरी सेवाओं पर ज्यादा असर न पड़े. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक गुरुवार से बर्फबारी की स्थिति में सुधार हो सकता है. 

कश्मीर में ठंड का पहला चरण चिल्लई कलां

बताते चलें कि कश्मीर 'चिल्लई-कलां' की चपेट में है. जो 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दी का सीजन होता है. इस दौरान घाटी के ऊपरी इलाकों में अप्रत्याशित बर्फबारी होती है. इस दौरान मशहूर डल झील और पानी के स्त्रोत जम जाते हैं. पीने के पानी की सप्लाई भी प्रभावित होती है. गौरतलब है कि 21 दिसंबर से शुरू हुआ 'चिल्लई-कलां' का दौर 31 जनवरी को पूरा होगा, उसके बाद भी कश्मीर में 20 दिन की 'चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) और आखिर में 10 दिनों तक चलने वाली 'चिल्लई-बच्छ' का दौर शुरु होगा.

शीत लहर (Cold Wave) चलने की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. कश्मीर में जहां तक नजर जाती है, वहां बर्फ ही बर्फ दिख रही है. बर्फबारी के कारण श्रीनगर और कश्मीर के बाजारों में भी सन्नाटा है. 

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