Jammu-Kashmir: श्रीनगर की डल झील में शिकारा एंबुलेंस सेवा की शुरुआत
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Jammu-Kashmir: श्रीनगर की डल झील में शिकारा एंबुलेंस सेवा की शुरुआत

डल निवासी तारिक अहमद के मुताबिक जब कोरोना वायरस (Coronavirus) ने उन्हें शिकार बनाया तो कोई भी उन्हें अपनी हाउसबोट से ले जाने को तैयार नहीं था. तब जाकर उन्हें शिकारा एंबुलेंस (Shikara Ambulance) का आइडिया आया. 

सरकार से अब योजना को प्रोत्साहन देने की मांग हो रही है....

श्रीनगर: आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है. दुनिया की खूबसूरत झीलों में एक डल झील (Dal Lake) में भी ये मिसाल देखने को मिली. डल झील में शिकारा (नाव) पर एक एंबुलेंस (Shikara Ambulance) तैनात हो गई है. ये पहल जिला प्रशासन की नहीं बल्कि उस हाउसबोट मालिक तारिक अहमद की है जो कुछ समय पहले कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का शिकार हुए थे.

इस तरह आया शिकारा एंबुलेंस का आईडिया
कुछ समय पहले जिन लोगों ने एक कोरोना पीड़ित की मदद से इंकार किया था. डलझील के वो निवासी भी अब इस मुहिम की तारीफ कर रहे हैं. डल निवासी तारिक अहमद के मुताबिक जब कोरोना वायरस (Coronavirus) ने उन्हें शिकार बनाया तो कोई भी उन्हें अपनी हाउसबोट से ले जाने को तैयार नहीं था. तब जाकर उन्हें शिकारा एंबुलेंस (Shikara Ambulance) का आइडिया आया.

दरअसल उस समय खुद उन्हें अस्पताल तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. तब उन्होंने फैसला किया कि वह एक ऐसी नाव बनाएंगे जो डल झील और आसपास रहने वाले लोगों के लिए एंबुलेंस का काम करेगी. 

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महीनेभर की मेहनत में तैयार हुई Lifeline
तारिक को नाव बनाने में एक महीने का समय लगा. शिकारा एंबुलेंस के लिए उन्होंने लकड़ी की पारंपरिक सामग्री का उपयोग किया है. शिकारे में जरूरी चिकित्सा उपकरण जोड़े  रहे हैं.  तारिक ने बताया कि जरूरतमंद लोग इस एंबुलेंस को बुलाने के लिए उनके द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकते हैं. इस बोट को आधुनिक बनाने के लिए बेहतर टेकनीक की मोटर का इस्तेमाल किया है.

आपातकालीन स्थिति में लोगों को होगा फायदा
आपात स्थिति के दौरान ये एंबुलेंस लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगी. डल झील के आसपास रहने वालों को समय पर चिकित्सा सुविधाओं न मिल पाने की शिकायत थी, जो अब कुछ हद तक दूर हो गई है. 

जम्मू-कश्मीर सरकार से मदद की उम्मीद
डल के निवासी चाहते हैं कि सरकार को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए.  इस बावत स्वास्थ्य विभाग से प्रशिक्षित डाक्टर और मेडिकल असिस्टेंट मुहैया कराने की अपील की गई है. यहां रहने वालों का मानना है कि एक शिकारा एंबुलेंस इतनी आबादी के लिए नाकाफी है इसलिए क्षेत्र में इस तरह की कई मेडिकल बोट मौजूद रहनी चाहिए.

तारिक ने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं कि झील पर्यटकों के लिए एक शानदार जगह है. यह नाव सैलानियों के लिए भी मुफीद साबित होगी. यदि वे बीमार होते हैं तो उन्हें इलाज की आवश्यकता रहेगी. अब हम उन्हें इस सुविधा के माध्यम से समय पर उपचार प्रदान कर सकते हैं.' 

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