नई दिल्ली: नए कृषि कानून के विरोध में पिछले 91 दिनों से दिल्ली की सीमाओं (Delhi Border) पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान लगातार विवादित कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार शुरुआत से ही कानूनों में बदलाव करते हुए इसे बरकरार रखना चाहती है. कुछ विपक्षी दल भी किसानों की इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. 


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इसी बीच कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) ने ZEE NEWS के साथ एक्सलूसिव बातचीत में कहा, 'किसान आंदोलन में अब किसानों का मुद्दा कम रह गया है और राजनीति ज्यादा हो रही है. यही कारण है कि कई दौर की संवेदनशील वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बन सकी. किसान नए कृषि कानूनों में कोई एक चीज बता दें जो उनके हित में नहीं है, वह वापस हो जाएगा. 


क्लॉज बाय क्लॉज बातचीत में समाधान


उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. सरकार भी कानूनों पर क्लॉज बाय क्लॉज बात कर किसानों की परेशानी का समाधान करना चाहती है. ऐसे में अगर किसान भाई अपने प्रारंभिक दौर के मुद्दे पर चर्चा करते हैं तो समाधान जल्द हो जाएगा. किसान जब चाहें बातचीत के लिए हमसे या केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से संपर्क कर सकते हैं.


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किसानों की भलाई के लिए बना कानून


वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एक बार फिर कहा कि किसान अपनी मनचाही कीमत और स्थान पर फसल को बेच सके इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया कानून बनाया था. लेकिन किसानों की भलाई के लिए बने इस कानून का विरोध हो रहा है. 


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'सरकार को नहीं देना होगा टैक्स'


उन्होंने कहा, 'मैं पूछता हूं किसान मंडी में आए या नहीं आए, इतनी स्वतंत्रता लेने में किसी को दिक्कत हो सकती है क्या? मंडी में जाओगे तो टैक्ट लगेगा, मगर मेरा कानून कहता है मंडी के बाहर अपने घर से बेचोगे तो ना केंद्र सरकार का टैक्स लगेगा ना ही राज्य सरकार का टैक्ट लगेगा. फिर भी किसान इसमें अपनी भलाई नहीं समझ पा रहे हैं.'


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