Umesh Katti dies of Heart Attack: कर्नाटक के फूड एंड सप्लाई मिनिस्टर उमेश कट्टी (61) की मंगलवार रात हार्ट अटैक से मौत हो गई. सीएम बासवराज बोम्मई ने उनके निधन को राज्य की क्षति बताया है. कट्टी के निधन के साथ ही उनका एक बड़ा सपना भी अधूरा रह गया.
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Umesh Vishwanath Katti Death: खराब लाइफस्टाइल से देश में हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मंगलवार देर रात कर्नाटक के फूड एंड सप्लाई मिनिस्टर उमेश कट्टी (61) की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर उन्हें बचाया नहीं जा सका. सीएम बासवराज बोम्मई ने उनके निधन पर शोक जताया है.
मंगलवार रात आया हार्ट अटैक
जानकारी के मुताबिक उमेश कट्टी (Umesh Vishwanath Katti) बेंगलुरु में डॉलर्स कॉलोनी वाले अपने आवास पर थे. वहीं पर मंगलवार रात करीब 10 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा. परिवार के लोग उन्हें लेकर तुरंत पास के एमएस रमैया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की. इसी दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुधाकर ने भी रमैया अस्पताल का दौरा कर डॉक्टरों से बातचीत की लेकिन उमेश कुट्टी की देर रात मौत हो गई.
सीएम बोम्मई ने जताया शोक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मेरे निकट सहयोगी वन मंत्री उमेश कट्टी के असामयिक निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है. उनके निधन से कर्नाटक ने एक कुशल और सक्रिय नेता खो दिया है. मैं भगवान से उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं.'
ಅರಣ್ಯ ಸಚಿವ, ನನ್ನ ಆಪ್ತ ಸಹೋದ್ಯೋಗಿ ಶ್ರೀ ಉಮೇಶ್ ಕತ್ತಿ ಅವರ ಅಕಾಲಿಕ ನಿಧನದಿಂದ ತೀವ್ರ ದುಃಖಿತನಾಗಿದ್ದೇನೆ. ಅವರ ನಿಧನದಿಂದ ರಾಜ್ಯ ಓರ್ವ ನುರಿತ ಮುತ್ಸದ್ಧಿ,ಕ್ರಿಯಾಶೀಲ ಮುಖಂಡ ಹಾಗೂ ನಿಷ್ಠಾವಂತ ಜನಸೇವಕನನ್ನು ಕಳೆದುಕೊಂಡಿದೆ. ಅವರ ಅಗಲಿಕೆಯ ದುಃಖವನ್ನು ಸಹಿಸುವ ಶಕ್ತಿಯನ್ನು ಆ ಭಗವಂತ ಅವರ ಕುಟುಂಬಕ್ಕೆ ನೀಡಲಿ ಎಂದು ಪ್ರಾರ್ಥಿಸುತ್ತೇನೆ pic.twitter.com/tcfNlw9Cdr
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) September 6, 2022
राज्य के 2 हिस्से करने के हिमायती
उमेश विश्वनाथ कट्टी (Umesh Vishwanath Katti) फिलहाल बेलगावी जिले के हुक्केरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे. वे कर्नाटक विधान सभा में 8 बार चुने जा चुके थे. बोम्मई सरकार में वे बतौर फूड-सप्लाई और फॉरेस्ट मिनिस्टर के रूप में काम कर रहे थे. उनका सपना था कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की तरह कर्नाटक के भी 2 हिस्से किए जाएं. वे उत्तर कर्नाटक को अलग राज्य बनाने के हिमायती थे. उनका कहना था कि राज्य के उत्तरी क्षेत्र के विकास के लिए उसका अलग राज्य बनना जरूरी है.
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