#OliOnZee: नेपाल में भारत की तरह राष्ट्रवाद की लहर लाएंगे? पीएम KP Sharma Oli ने दिया ये जवाब
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने Zee News के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) को दिए इंटरव्यू में कहा कि नेपाल ने दुनिया को क्या दिया, उस पर हम गर्व करते हैं. गायत्री मंत्र को मंत्रों का भी मंत्र कहा जाता है. वो नेपाल के कोसी नदी के किनारे में कौशिक ऋषि ने लिखा था.
नई दिल्ली: भारत और नेपाल के बीच नक्शे को लेकर जारी विवाद के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) बातचीत के लिए विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली को भारत भेज रहे हैं. इस बीच केपी शर्मा ओली ने भारत-नेपाल रिश्ते के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लेकर खुलकर बात की. इसके साथ ही उन्होंने नेपाल के गौरव को लेकर भी अपने विचार साझा किए और कहा कि नेपाल ने दुनिया को क्या दिया, इस पर हमें गर्व है.
काठमांडू में केपी शर्मा ओली ने Zee News को दिया इंटरव्यू
Zee News के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने काठमांडू में पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) का इंटरव्यू लिया. इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि 2014 के बाद भारत में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, एक राष्ट्रवाद की लहर आई है और एक नया अलग माहौल बना है. क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके नेतृत्व में आप भी वहीं नेपाल में करने की कोशिश कर रहे हैं कि एक देश को उसका गौरव याद दिलाना चाहिए? उसमें एक राष्ट्रवाद की भावना डालनी चाहिए, जो भारत पश्चिमी देशों के साथ कर रहा है और जो भारत चीन के साथ कर रहा है. इस समय कि हमें भी बराबरी का दर्जा चाहिए, वही आप नेपाल के साथ कर रहे हैं और दुर्भाग्य से सबसे पहले आपकी नजर भारत पर ही पड़ गई?
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'उपनिवेशवाद का जमाना अब समाप्त हो गया'
सवाल के जवाब में केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने कहा, 'बात ऐसी है कि आज का जमाना है. मैंने शुरू में ही कहा है कि ये औपनिवेशिकता और उपनिवेशवाद का जमाना नहीं है. उपनिवेशवाद का एक जमाना था, जो अब समाप्त हो गया है और उसके अवशेषों को हमें अपने मन से और अपने मस्तिष्क से समाप्त करना है.'
'नेपाल ने क्या दिया, उस पर गर्व है'
उन्होंने आगे कहा, 'हमें अपने राष्ट्र की, अपने राष्ट्र की उत्पत्ति की, अपने राष्ट्र के इतिहास की और राष्ट्र ने दुनिया को क्या दिया, उस पर हम पर गर्व करते हैं. हमें गर्व है कि गायत्री, जिसे मंत्रों का भी मंत्र कहा जाता है. वो नेपाल के कोसी नदी के किनारे में चतरा में कौशिक ऋषि ने लिखा था. मंत्रों का मंत्र सर्वोच्च मंत्र, गायत्री मंत्र कोसी के किनारे में लिखा गया था. व्यास यहीं तपस्या करते थे. ये तपोभूमि तो है, तपभूमि क्यों ज्ञानभूमि है. ज्ञान का आविष्कार यहीं से हुआ था. युग का आविष्कार यहीं से हुआ था, इसलिए हमारे पास गर्व करने लायक चीजें हैं.'