नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (K P Sharma Oli) ने ZEE NEWS के साथ खास इंटरव्यू में भारत, पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और भारत-चीन विवाद में खुलकर बात की. उन्हाेंने कहा कि नेपाल संप्रभुता संपन्न देश हैं और वह दोनों देशों के साथ समान संबंध चाहता है.
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नई दिल्ली: भारत के साथ नेपाल के संबंध पिछले साल सबसे खराब दौर में पहुंच गए, जब वहां के पीएम के पी शर्मा ओली ने देश का नया नक्शा जारी कर भारत के इलाकों पर अपना दावा जता दिया. अब नववर्ष में के पी शर्मा ओली का कहना है कि दोनों देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता का आदर करते हुए साझा विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. यही विवाद सुलझाने का एकमात्र तरीका है.
ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी के साथ Exclusive इंटरव्यू में नेपाल के पीएम के पी शर्मा ओली ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. इसमें उन्होंने भारत, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंध, भारत-चीन विवाद पर अपने विचार साझा किए. साथ ही भारतवर्ष, अखंड भारत और नक्शा विवाद पर भी अपने दिल की बातें उजागर कीं. पीएम ओली ने कहा कि दोनों देशों की साझा संस्कृति और इतिहास है, जिस पर गर्व किया जा सकता है.
इंटरव्यू में नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि भारत-नेपाल के संबंध बड़े या छोटे देश के नहीं हैं. दोनों देश संप्रभुता संपन्न हैं और भारत को इन संबंधों में खुद को बॉस नहीं समझना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर ओली ने कहा कि पीएम मोदी समानतापूर्वक संबंधों में विश्वास रखते हैं. लेकिन जब मैं कहता हूं कि मैं मोदी जी की के बराबर का प्रधानमंत्री हूं तो कुछ लोग बुरा मान जाते हैं.
ओली ने कहा कि भारत-चीन के बीच विवाद हमारे हित में नहीं है और न ही हम एक-दूसरे के खिलाफ कोई कार्ड खेलना चाहते है. हम दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाकर चलना चाहते हैं. भारत-चीन विवाद के बारे में नेपाल के पीएम ने कहा कि उनका देश इस बारे में दोनों देशों में मध्यस्थता कर सकता है. यदि दोनों देशों के बीच कोई विवाद भड़कता है, तो इसमें नेपाल का ही नुकसान होगा. हम दोनों देशों के बीच शांति और विकास चाहते हैं.
नेपाल के पीएम ने कहा कि उनका देश अपनी जमीन और आकाश को किसी भी पड़ोसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा. ओली ने कहा, 'जब भारत की गलवान में चीन के साथ टेंशन थी तो उसने नेपाल की जमीन पर पुल बनाकर उसका उद्घाटन कर दिया. इसके बाद हमने विरोध में अपने देश का नक्शा जारी किया.'
ओली ने कहा,'यह सदी एशिया की है. हम भारतवर्ष की संस्कृति पर गर्व महसूस करते हैं लेकिन अखंड भारत की अवधारणा को नहीं मानते. ओली ने कहा, न्यूटन और गैलीलियो से भी पहले हम विज्ञान की थ्योरी को जानते थे. नालंदा विश्वविद्यालय हमारे ज्ञान का खजाना था. लेकिन विदेशी हमलावरों ने उसे जला दिया.
उन्होंने कहा कि हमें संबंध सुधारने के लिए खुले दिमाग के साथ सोचना चाहिए और छोटी-मोटी रुकावटों में नहीं फंसना चाहिए. भारतीयों को भी ये बात समझनी चाहिए. जब हम असली रामजन्मभूमि की मिट्टी को माथे से लगाते हैं तो सर्वकल्याण अपने आप हो जाता है. ओली ने कहा कि मैप इसलिए बना क्योंकि जमीन को गलत तरीके से दिखाया गया. जब यह विवाद दूर हो जाएगा तो मैप भी अपने आप सही हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि मैप इसलिए बना क्योंकि जमीन को गलत तरीके से दिखाया गया. जब यह विवाद दूर हो जाएगा तो मैप भी अपने आप सही हो जाएगा.
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