#OliOnZee: भारत के खिलाफ China का कार्ड नहीं खेलेंगे, नेपाल के पीएम KP Sharma Oli ने दिया ये भरोसा
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#OliOnZee: भारत के खिलाफ China का कार्ड नहीं खेलेंगे, नेपाल के पीएम KP Sharma Oli ने दिया ये भरोसा

भारत और चीन के बीच पिछले 9 महीने से लद्दाख में चल रही सैन्य तनातनी के बीच महत्वपूर्ण पड़ोसी देश नेपाल शांत बैठा हुआ है. भारत से हजारों साल पुराने धार्मिक-सांस्कृतिक संबंध होने के बावजूद उसने एक बार भी इस मुद्दे पर चीन की आलोचना नहीं की है.

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले 9 महीने से लद्दाख में चल रही सैन्य तनातनी के बीच महत्वपूर्ण पड़ोसी देश नेपाल शांत बैठा हुआ है. भारत से हजारों साल पुराने धार्मिक-सांस्कृतिक संबंध होने के बावजूद उसने एक बार भी इस मुद्दे पर चीन की आलोचना नहीं की है. नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली का कहना है कि पड़ोसियों के विवादों में तटस्थ रहना नेपाल की नीति है और इस मामले में भी वह इसी नीति का पालन कर रहा है. 

  1. काठमांडू में ओली ने जी न्यूज को दिया इंटरव्यू
  2. भारत के खिलाफ चीन कार्ड नहीं खेलेंगे
  3. दोनों देशों में करा सकते हैं वार्ता

काठमांडू में ओली ने जी न्यूज को दिया इंटरव्यू

काठमांडू में जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने कहा कि भारत और चीन दोनों नेपाल के पड़ोसी हैं और पड़ोसियों को बदला नहीं जा सकता. दोनों पड़ोसी देश आकार, जनसंख्या और विकास में काफी आगे हैं. दोनों के राजनीतिक, अर्थव्यवस्था और सामाजिक तंत्र के मामले में भी कई भिन्नताएं हैं. हम दोनों देशों के साथ संतुलित संबंध बनाकर रखना चाहते हैं. 

देखें वीडियो-

भारत के खिलाफ चीन कार्ड नहीं खेलेंगे

ओली (KP Sharma Oli) ने कहा कि हम एक का कार्ड दूसरे से खेलेंगे, ऐसा नहीं है. ये कार्ड खेलने से किसी का भला भी नहीं होगा. यदि हमने ऐसा किया तो तीसरे दिन पता चल जाएगा. इसलिए ये कार्ड प्ले करने और छकाने का तरीका बिलकुल छोड़ देना चाहिए. इसलिए हम इस शैली में नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के विवाद में किसी का पक्ष लेने की हमारी नीति नहीं है. हमारी नीति तटस्थ रहने की है. हम दोनों पड़ोसियों के बीच तटस्थ रहेंगे. 

दोनों देशों में करा सकते हैं वार्ता

ओली (KP Sharma Oli) ने कहा कि यदि उनमें वार्ता नहीं हो रही है तो हम इसे शुरू कराने में मदद करेंगे. दोनों मित्र हैं. हम चीन की प्रेसिडेंसी से भी बात कर सकते हैं, वहां के प्राइम मिनिस्टर Li Keqiang से भी बात कर सकते हैं. वैसे ही मोदी जी से भी बात कर सकते हैं. हम दोनों मित्र के बीच में जो Misunderstanding है, उसको हटाने और संबंधों को मजबूत करने में योगदान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी के बीच मध्यस्थता भी कर सकते हैं. 

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