जम्मू कश्मीर में आतंकवाद आखिरी साँस ले रहा..
डीजीपी जम्मू कश्मीर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद आखिरी सांस ले रहा है. पिछले वर्ष के 110 स्थानीय युवाओं की तुलना में इन वर्षों में केवल 10 स्थानीय युवा आतंकवादी रेंको में शामिल हुए, जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद से यह संख्या अब तक की सबसे कम है.
पुलिस स्मृति दिवस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने आज कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आतंकवाद आखिरी सांस ले रहा है और जम्मू-कश्मीर पुलिस इसे पूरी तरह खत्म करना सुनिश्चित करेगी. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी को पूरी तरह से शांतिपूर्ण बनाने का सपना आखिरकार सच हो रहा है.
डीजीपी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अभी भी कश्मीर घाटी में शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस और अनी सुरक्षाबल अलर्ट है और पाकिस्तान की कोशिश कभी सफल नहीं होने देंगे.
''घाटी में आतंकवाद से लड़ते हुए पिछले तीन दशकों में 1605 सुरक्षा बलों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है. पाकिस्तान यहां आतंक को बढ़ावा दे रहा है और हमारी सेनाओं के बलिदान का परिणाम सामने आया है और यही कारण है कि घाटी में आतंकवाद अंतिम सांस ले रहा है. जम्मू-कश्मीर जल्द ही आतंक मुक्त हो जाएगा, और हम देश और शांति के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले प्रत्येक शहीद को सलाम करते हैं,'' दिलबाग सिंह, डीजीपी जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सीमा पार लॉन्चपैड और घुसपैठ की कोशिशों के बारे में बोलते हुए, डीजीपी ने कहा कि कई शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया है, जबकि कई अभी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सियालकोट में और गुरेज सेक्टर के पार एलओसी के पास सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार आतंकवादियों को कश्मीर क्षेत्र में धकेलने की कोशिश करता है, लेकिन हम इस साल जीतने आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक प्रयासों को विफल करने में कामयाब रहे हैं और एलओसी पर तैनात सुरक्षा बल हमेशा हाई अलर्ट पर हैं.
''हम सतर्क हैं और घुसपैठ की लगभग 90% कोशिशें नाकाम कर दी हैं. सीमा पार करने की कोशिश कर रहे ज्यादातर घुसपैठिए एलओसी के पास ही मारे गए. बाकी जो अंदर आये भी तो हिंटरलैंड में उन्हें मारा गया. सिंह ने कहा.
जम्मू-कश्मीर के युवाओं को पाकिस्तान के मंसूबों का एहसास हो गया है. 2022 में, लगभग 110 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या काफी कम रही है और केवल 10 युवा ही आतंकवादी रैंकों में शामिल हुए हैं. इन 10 में से छह की पहले ही मौत हो चुकी है. मैं युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करता हूं और उन चार स्थानीय सक्रिय आतंकवादियों को भी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में आना चाहिए,'' दिलबाग सिंह, डीजीपी जेके पुलिस ने कहा.
उन्होंने यह भी कहा कि एनआईए और एसआईए जैसी विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा नार्को आतंकवाद से सख्ती से निपटा जा रहा है. ''हमें रामबन इलाके में बड़ी सफलता मिली है जहां हमने लगभग 30 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया है. नेटवर्क टूट गया था और अब पता चला है कि यह उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से लेकर पंजाब तक जुड़ा हुआ है. वहीं कुछ लिंक उत्तराखंड में भी मिले हैं.
1959 में लद्दाख क्षेत्र में दुश्मनों से लड़ते हुए अपनी जान देने वालों की याद में आज पुलिस स्मृति दिवस समारोह आयोजित किया गया और इस दिन को पूरे देश में सहवास दिवस के रूप में मनाया गया. एलजी मनोज सिन्हा और डीजीपी अनी पुलिस अफ़सरों और जवानों और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ इस दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. (इनपुट- खालिद हुसैन)