गुरुग्राम के रहने वाले अंकित गुप्ता 10 पैरा कमांडो यूनिट में तैनात थे. करीब दो माह पहले ही उनकी शादी हुई थी. इसके बाद वे स्पेशल ट्रेनिंग के लिए जोधपुर में थे.
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जोधपुर: जोधपुर की कायलाना झील में छह दिन तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद आखिरकार कैप्टन अंकित गुप्ता का शव बरामद कर लिया गया है. पैरा कमांडो अंकित गुप्ता अन्य कमांडो को बचाव कार्य की ट्रेनिंग दे रहे थे. इसके लिए उन्होंने हेलिकॉप्टर से झील में जंप किया था. झील में जंप लगाने के काफी देर तक जब अंकित पानी से ऊपर नहीं आए तो जवानों ने अपने अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी और तभी से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था.
करीब दो महीने पहले हुई थी शादी
जानकारी के मुताबिक पैरा कमांडो अंकित गुप्ता की दो महीने पहले ही शादी हुई थी और छुट्टियां बिताकर वे वापस युद्धाभ्यास में शामिल हुए थे.
देशभर के विशेषज्ञों को बुलाया था
कैप्टन अंकित गुप्ता की खोज के लिए सेना ने देशभर से अपने विशेषज्ञों, गोताखोरों व कमांडो को बुला रखा था. 6 दिन पहले एक अभ्यास के दौरान हेलीकॉप्टर से कूद तखतसागर की गहराइयों में गायब हुए कैप्टन अंकित को खोज पाना बेहद जटिल हो गया था. इसके लिए छह दिन तक सबसे लंबा तलाशी अभियान चलाया गया. इसमें स्पेशल कैमरा टीम, नेवी की मार्कोस यूनिट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस टीम, स्थानीय गोताखोरों के साथ ही सेना तथा पुलिस के गोताखोरों तथा विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था.
250 गोताखोर और 15 बोटों का सहारा लिया
पुलिस के अनुसार इस तलाशी अभियान में करीब 250 गोताखोरों तथा 15 बोटों ने हिस्सा लिया था, लेकिन झील में काई, पथरीली तलहटी तथा वनस्पति के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. सोमवार को भी स्पेशल कैमरा टीम के साथ 20 विशेषज्ञों की टीम को झील में तलाश के लिए उतारा गया था. पानी में हलचल मचाने के लिए कंप्रेसरों की मदद भी ली गई थी ताकि शायद उससे बॉडी पानी से ऊपर आ जाए.
पत्थरों के बीच अटका था शव
सेना के कई विशेषज्ञ लगातार उनकी खोज में जुटे थे. हालांकि छठे दिन दोपहर बाद उनका शव झील की गहराई में एक स्थान पर फंसा हुआ मिला. शव पत्थरों के बीच अटक गया था. इस कारण ऊपर नहीं आ पा रहा था. सेना ने फिलहाल इस बारे में कुछ भी जानकारी शेयर करने से इंकार कर दिया है. कैप्टन अंकित के शव को यहां से सीधे सेना अस्पताल ले जाया गया है. उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है.
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