भारत का 'टाइगर स्टेट' बनने के बाद अब मध्य प्रदेश बन गया है 'घड़ियाल स्टेट'
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भारत का 'टाइगर स्टेट' बनने के बाद अब मध्य प्रदेश बन गया है 'घड़ियाल स्टेट'

आपको बता दें कि 1980 के दशक में सिर्फ 200 घड़ियाल ही बचे थे. उस समय पूरे देश में 96 और चंबल में घड़ियालों की संख्या 46 थी. उसके बाद चंबल नदी के 435 किमी क्षेत्र को घड़ियाल अभयारण्य घोषित किया था.

सांकेतिक तस्वीर.

भोपाल: मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट का खिताब जीतने के बाद अब घड़ियाल स्टेट भी बन गया है. जलीय जीव संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की ​है. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चंबल नदी के अभ्यारण में घड़ियालों की संख्या बढ़कर 1255 हो गई है.

जबकि राज्य के मुरैना के जिला वन मंडल अधिकारी पीडी ग्रेवियल ने बताया कि मध्य प्रदेश वन विभाग की गणना में घड़ियालो की संख्या 1876 पाई गई है. दुनिया में नेपाल, बांग्लादेश और भारत सहित गिनती के ही देश हैं, जहां घड़ियाल पाए जाते हैं. मध्य प्रदेश ने हाल ही में 526 बाघों के साथ टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल किया था.

आपको बता दें कि 1980 के दशक में सिर्फ 200 घड़ियाल ही बचे थे. उस समय पूरे देश में 96 और चंबल में घड़ियालों की संख्या 46 थी. उसके बाद चंबल नदी के 435 किमी क्षेत्र को घड़ियाल अभयारण्य घोषित किया था. चंबल नदी मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमा से लगकर बहती है.

चंबल नदी में घड़ियालों की वृद्धि में वजह देवरी ईको सेंटर है. यहां घड़ियाल के अंडे लाए जाते हैं और उनसे बच्चे निकलने के बाद उन्हें पाला जाता है. घड़ियालों की आयु तीन वर्ष हाेने पर उन्हें नदी में छोड़ दिया जाता है. 'ग्रो एंड रिलीज' कार्यक्रम के तहत हर साल 200 घड़ियाल को नदी में छोड़ा जाता है।.

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