छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 'लम्पी स्किन डिजीज' नामक संक्रमण तेजी से जानवरों में फैल रहा है. इस वायरस ने राजनांदगांव जिले के अम्बागढ़ चौकी, मानपुर, मोहला, छुरिया, डोंगरगांव, छुईखदान, गंदाई सहित अन्य क्षेत्रों में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.
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राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में अब कोरोना वायरस के बाद एक और बीमारी ने समस्या खड़ी कर दी है. इस बार ये वायरस इंसान को नहीं बल्कि गाय, बैल, भैंस सहित अन्य पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा है. 'लम्पी स्किन डिजीज' नामक संक्रमण तेजी से जानवरों में फैल रहा है. इस वायरस ने राजनांदगांव जिले के अम्बागढ़ चौकी, मानपुर, मोहला, छुरिया, डोंगरगांव, छुईखदान, गंदाई सहित अन्य क्षेत्रों में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.
इस बीमारी के संबंध में पशुचिकित्सक डॉ. संदीप इंदुरकर का कहना है कि यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है. अगर किसी गांव के पशुओं में ये रोग फैलता है तो उस जगह से 50 किलोमीटर के आस-पास के क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकता है. इस बीमारी से लड़ना पशुओं की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है. इस रोग का संक्रमण 12 से 15 दिनों तक रहता है फिर खुद ही समाप्त हो जाता है.
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कहां से आया ये वायरस?
जानकारी के मुताबिक ये वायरस पहले साउथ अफ्रीका में फैला था. जिसका प्रकोप अब राजनांदगांव जिले में भी दिखाई दे रहा है. इस वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि ये विदेश से ओडिशा के रास्ते छत्तीसगढ़ में पहुंचा है. इस वायरस के प्रकोप से मवेशियों में शारीरिक अक्षमता पैदा हो सकती है. इस बात को लेकर किसान और पशुपालाक बेहद चिंतित है.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
लम्पी स्कीन डिसीज से पशुओं के पैरों में सूजन आना, पशुओं को तेज बुखार आना, पशुओं के शरीर पर गठान दिखना, सर्दी के लक्षण दिखना, नाक से पानी बहना और आंखों से पानी बहना आदि शामिल हैं.
आपको बता दें कि इस संक्रमण की वजह से बैल और भैंस कमजोर हो रहे हैं. खेती में हल जोतने के काम आने वाले पशु जमीन से भी नहीं उठ पाते हैं, जो किसानों के लिए चिंता का विषय है. पशुओं में फैल रहे इस वायरस को लेकर अब तक कोई कारगर दवाई नहीं बनी है.
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