छत्तीसगढ़: पंचायत चुनाव का नतीजा देख उड़े प्रत्याशी के होश, पूछा- क्या मुझे नहीं मिला एक भी वोट?
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छत्तीसगढ़: पंचायत चुनाव का नतीजा देख उड़े प्रत्याशी के होश, पूछा- क्या मुझे नहीं मिला एक भी वोट?

दिव्यांग प्रत्याशी ने दुखी होकर पीठासीन अधिकारी और प्रक्रिया की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी SDM के साथ-साथ गौरेला थाने में की है.

 

रमेश को मिली वोटों की संख्या शून्य बताई गई.

दुर्गेश बिसेन/पेण्ड्रा: छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा जिले में पंचायत चुनाव के दौरान मरवाही जनपद क्षेत्र में सरपंच पद के प्रत्याशी को एक भी मत प्राप्त नहीं हुआ. इस तरह प्रत्याशी की जमानत जब्त कर ली गई. दिव्यांग प्रत्याशी ने दुखी होकर पीठासीन अधिकारी और प्रक्रिया की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी SDM के साथ-साथ गौरेला थाने में की है.
मामला मरवाही जनपद पंचायत क्षेत्र के पिपरिया ग्राम पंचायत का है. जहां सरपंच पद के प्रत्याशी रहे रमेश कुमार मरावी को ट्यूबलाइट छाप का चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था. रमेश ने भी चुनाव जीतने के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया था.

दिव्यांग रमेश ने मतदान और मतगणना के दौरान बार-बार खड़े होने और बैठने से बचने के लिए अपने एक एजेंट की नियुक्ति भी की थी. लेकिन, मतगणना के वक्त पीठासीन अधिकारी ने रमेश के प्रतिनिधि के बार-बार सवाल खड़े कराने पर आपत्ति जताते हुए उसे मतगणना केंद्र से बाहर कर दिया. बताया जा रहा है कि इस दौरान मतदान केंद्र का दरवाजा भी बंद कर दिया गया.

रमेश का आरोप है कि वो खुद भी काउंटिंग में बैठने के लिए गया था पर अधिकारी ने दरवाजा नहीं खोला और जब रिजल्ट आया तो चौंका देने वाला था. बताया गया कि उसे एक भी वोट नहीं मिला है. रमेश को मिली वोटों की संख्या शून्य बताई गई.

रमेश का कहना है कि माता-पिता भाई-बहन बहू और पत्नी के साथ मेरे परिवार के सदस्यों की संख्या 12 है. मान लिया कि घर के किसी भी सदस्य ने मेरे पक्ष में वोट नहीं किया पर मेरा वोट कहां गया. रमेश ने पूछा कि क्या मैं अपने आप को ही वोट नहीं करूंगा. जबकि घर वालों का कहना है कि हम सब ने समर्थन में वोट किया है.

रमेश ने पूरे मामले की लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी से की है. साथ ही शिकायत के बाद जान को खतरा बताते हुए राकेश ने मामले की शिकायत एवं सुरक्षा की मांग गोरेला थाने में लिखित रूप से की है. पीड़ित के अनुसार अधिकारियों ने उसे कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है. लेकिन चुनाव आयोग और चुनाव का हवाला देते हुए मीडिया के सामने अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

 

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