दिल्ली में जारी आंदोलन के बीच कल MP के किसानों को कृषि सुधार कानूनों के फायदे बताएंगे PM मोदी
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दिल्ली में जारी आंदोलन के बीच कल MP के किसानों को कृषि सुधार कानूनों के फायदे बताएंगे PM मोदी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सिलसिले में गुरुवार को अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर से कहा कि किसान सम्मेलन की तैयारी वे युद्ध स्तर पर करें. इसी तरह के कार्यक्रम ब्लॉक और ग्रामीण स्तर पर भी होंगे. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (PC: Twitter)

भोपालः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को दोपहर 2 बजे मध्य प्रदेश के अलग अलग जिलों में आयोजित होने वाले किसान सम्मेलनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे. मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट््वीट कर इस बारे में जानकारी दी है. इस कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के करीब 35 लाख किसानों के खातों में राहत राशि की पहली किश्त ट्रांसफर करेगी, जो करीब 1800 करोड़ रुपए होगी. मुख्य कार्यक्रम रायसेन जिले में होगा, इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे.

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कुल 35 लाख किसानों को ₹1800 करोड़ की राहत राशि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सिलसिले में गुरुवार को अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर से कहा कि किसान सम्मेलन की तैयारी वे युद्ध स्तर पर करें. इसी तरह के कार्यक्रम ब्लॉक और ग्रामीण स्तर पर भी होंगे. कुल 35 लाख किसानों को ₹1800 करोड़ की राहत राशि देने के साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए जाएंगे.

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कृषि कानूनों के समर्थन में BJP कर रही किसान सम्मेलन
मध्य प्रदेश भाजपा कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में पूरे राज्य में किसान सम्मेलन, चौपाल से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक कर रही है. बीते 15 और 16 दिसंबर को भाजपा ने प्रदेश के 7 संभागों में किसान सम्मेलन आयोजित किए थे. इन सम्मेलनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए थे. सभी ने किसानों को कृषि सुधार कानूनों से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी. 

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सुप्रीम कोर्ट में भी किसान आंदोलन के मुद्दे पर हुई सुनवाई
इस बीच किसान आंदोलन के मुद्दे पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने कोई आदेश जारी नहीं किया. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा कि वैकेशन बैंच में मामले की सुनवाई होगी. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की बात सुनने के बाद ही आदेश जारी किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने संकेत दिए कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिए वह एक समिति गठित कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसान आंदोलन जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है.

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