MP Vidhansabha Chunav 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) के लिए वोटिंग की तारिखें धीरे-धीरे करीब आ रही है. लेकिन, बीजेपी अभी भी दो सीटों से प्रत्याशी नहीं उतार पाई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है की ऐसा क्यों हो रहा है और मामला गुना या विदिशा (BJP Candidate From Vidisha And Guna) कहां ज्यादा टाइट है.
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MP Vidhansabha Chunav: भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) का आगाज हो चुका है. राजनीतिक दलों से लेकर चुनाव आयोग और प्रशासन अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हैं. इस बीच कांग्रेस ने 230 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. लेकिन, बीजेपी की अभी भी दो सीटों पर पेंच फंसा (BJP Candidate From Vidisha And Guna) हुआ है. ऐसे में अब इस बात की चर्चा जोरो पर हो रही है की क्यों गुना और विदिशा में बीजेपी का मामला ज्यादा टाइट है.
बीजेपी में हो रही बगावत
दरअसल, चुनाव के ऐलान के बाद से बीजेपी ने टिकटों का ऐलान तो शुरू किया लेकिन, अब तक 6 लिस्ट आने के बाद भी पूरे प्रत्याशी मैदान में नहीं उतार पाई है. इतना ही नहीं कई स्थानों पर टिकट जारी होने के बाद से ही बगावत शुरू हो गई. नेता पार्टी बदल रहे हैं और खुलकर मीडिया से पार्टी के खिलाफ बात कर रहे हैं.
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कहां फंसा है पेंच
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 230 विधानसभा सीटों में से 228 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. अभी 2 सीटों पर उलझन वाली स्थिती बनी हुई है. गुना और विदिशा विधानसभा के लिए पार्टी अब तक नाम फाइनल नहीं कर पाई है. कहा जा रहा है की गुना से ज्यादा विदिशा विधानसभा पर पेंच उलझा हुआ है. क्योंकि इस इलाके से सीएम शिवराज सिंह चौहान पहले चुनाव लड़ चुके हैं. अब कहा जा रहा है कि उन्हें दो जगहों से चुनाव लड़ाया जा सकता है.
आष्टा में मुश्किल
कई सीटों के साथ ही बीजेपी के लिए आष्टा में भी मुश्किल बढ़ती हुई नजर आ रही है. क्योंकि जब से भाजपा ने यहां से कांग्रेस से आए गोपाल इंजीनियर को अपना प्रत्याशी बनाया तब से निरंतर विरोध हो रहा है. नाराज कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा प्रत्याशी के पुतले भी जलाए जा रहे हैं. बता दें यहां से वर्तमान विधायक रघुनाथ मालवीय का भी टिकट कट चुका है. इस कारण उनमें भी जनकर गुस्सा भरा हुआ है.
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पंधाना में बवाल
सिटिंग पंधाना विधायक राम दांगोरे का दर्द मीडिया के सामने झलका है. उन्होंने टिकट कटने पर नाराजगी जताई है. विधायक राम दांगोरे ने कहा की मैंने चापलूसी नहीं करता. इस कारण मेरा टिकट कट गया. मैं टिकिट के लिए नेताओ के घर-घर नहीं गया विकास पर फोकस किया.
बीजेपी शांत नहीं कर पा रही बगावत
कुल मिलाकर अब सवाल उठ रहा है की क्या बीजेपी बगावत को मना नहीं पा रही है. या फिर नेता मानने को तैयार नहीं. पार्टी पर पिछले कुछ दिनों में बागियों ने कई आरोप लगाए हैं. वहीं कुछ नेताओं के भावनाव में बहकर रोने तक का वीडियो वायरल हुआ है. ऐसे में क्या ये सारी चीजें बीजेपी के रास्त में कहीं अडंगा डाल सकती है या नहीं ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.
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