MP Vidhan Sabha Chunav: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन फॉर्म भरने का आज अंतिम दिन था और नामांकन करने की समय सीमा समाप्त हो गई. आखिरी दिन भी कई दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने नामांकन फार्म दाखिल किए. इस बीच टीकमगढ़ जिले में बड़ा उलटफेर देखने को मिला.
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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन फॉर्म भरने का आज अंतिम दिन था और नामांकन करने की समय सीमा समाप्त हो गई. आखिरी दिन भी कई दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने नामांकन फार्म दाखिल किए. इस बीच टीकमगढ़ जिले में बड़ा उलटफेर देखने को मिला. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार श्याम रत्न उर्फ भक्ति तिवारी ने नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी ज्वाइन कर ली. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई.
भक्ति तिवारी हमेशा से ही सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते रहे हैं. भक्ति तिवारी को टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था. भक्ति तिवारी और उनकी पत्नी वर्तमान में टीकमगढ़ जिला पंचायत की सदस्य हैं. भक्ति तिवारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रहे हैं और साल 2020 में सिंधिया के समर्थन में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे.
कमलनाथ ने की थी भक्ति तिवारी की तारीफे
भक्ति तिवारी टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे थे. उन्हें बीजेपी से टिकट नहीं मिला. वे 10 सितम्बर 2023 को कांग्रेस में शामिल हो गए. जब भक्ति तिवारी कांग्रेस में शामिल हुए थे उस समय कमलनाथ ने उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि भक्ति तिवारी के डीएनए कांग्रेस का है, वो किसी कारण थोड़ा भटक गए थे, लेकिन कांग्रेस ने भक्ति तिवारी को उम्मीदवार नहीं बनाया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें खरगापुर विधानसभा का टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया था.
भाजपा के लिए प्रचार करेंगे भक्ति तिवारी
खरगापुर सीट से बीजेपी ने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे और शिवराज सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री राहुल सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भक्ति तिवारी को नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन फिर से भाजपा में वापसी करा दी. बीजेपी में शामिल होने के बाद भक्ति तिवारी ने कहा कि वे बीजेपी के लिए पूरी ताकत के साथ प्रचार करेंगे. भक्ति तिवारी के बीजेपी में शामिल होने से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है.
रिपोर्ट: आर.बी. सिंह परमार