मुख्यमंत्री शिवराज ने कृषि विभाग और भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों से चर्चा की. सीएम ने कहा कि प्रदेश में वर्षा की स्थिति और उससे संबंधित पूर्वानुमान के आधार पर किसानों को खरीफ की फसल के संबंध में समझाइश दी जाए.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश में बारिश शुरू होने के बावजूद कुछ जिलों में अभी भी सूखे के हालात बने हुए हैं. इन जिलों में बारिश नहीं हुई है. जिससे किसान और आमजन सभी परेशान हैं. हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में बैठक आयोजित की. किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल भी बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए.
मुख्यमंत्री शिवराज ने कृषि विभाग और भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों से चर्चा की. सीएम ने कहा कि प्रदेश में वर्षा की स्थिति और उससे संबंधित पूर्वानुमान के आधार पर किसानों को खरीफ की फसल के संबंध में समझाइश दी जाए.
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सीएम ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि यदि कम वर्षा की संभावना हो तो कम पानी में होने वाली वैकल्पिक फसल लेने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाना चाहिए.
ऐसी है प्रदेश में बारिश और फसल की स्थिति
गौरतलब है चंबल क्षेत्र में 44 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है, क्षेत्र में 16 प्रतिशत बुवाई हुई है. वहीं सोयाबीन के रकबे में 10 लाख हेक्टेयर की कमी आयी है.
-प्रदेश के 16 जिलों में अब तक सामान्य वर्षा हुई. जबकि 33 जिलों में वर्षा औसत से कम है. सामान्य से अधिक वर्षा केवल सिंगरौली जिले में दर्ज की गई है.
-प्रदेश में समय से पहले धमाकेदार दस्तक देना वाला मानसून रूठ गया है. हालात यह हैं कि कई जगह सूखे के हालात बनने लगे हैं. प्रदेश में 19 जुलाई तक बारिश सामान्य कोटे से करीब 24% कम है.
-मुरैना और पन्ना में हालत और खराब हैं. यहां अभी भी कोटे से 70% तक कम पानी गिरा है.
-इंदौर और जबलपुर की स्थिति भी अच्छी नहीं है.
- पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया और दमोह में 50 से लेकर करीब 70% पानी कम गिरा.
-भिंड, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, सागर, राजगढ़, शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, धार, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा, होशंगाबाद, सिवनी, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर, उमरिया, जबलपुर, कटनी और सतना में 20% से लेकर 50% तक सामान्य से कम बारिश हुई.
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