जवानों के खाते में गलती से पहुंचे 165 करोड़ रुपये, अब ब्याज समेत वसूलेगा विभाग
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जवानों के खाते में गलती से पहुंचे 165 करोड़ रुपये, अब ब्याज समेत वसूलेगा विभाग

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश वन विभाग की एक बड़ी भूल का खामियाजा अब उसके जवानों को भुगतना पड़ेगा. विभाग अब अपने जवानों से 65 करोड़ रुपये ब्याज के साथ वसूलने की तैयारी कर रहा है. यह रकम जवानों को अतिरिक्त वेतन के रूप में ट्रांसफर की गई थी. 

जवानों के खाते में गलती से पहुंचे 165 करोड़ रुपये, अब ब्याज समेत वसूलेगा विभाग

MP News: मध्य प्रदेश के वन विभाग का बड़ा कारनामा सामने आया है. वन विभाग की ओर से वन रक्षकों को जारी की जाने वाली सैलरी में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ. विभाग की ओर से 6,592 फॉरेस्ट गार्डों को गलती से 165 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया. यह भुगतान जवानों को अतिरिक्त सैलरी के रूप में किया गया था. अब विभाग अपनी गलती को सुधारने के लिए जवानों से वसूली की तैयारी कर रहा है. 

गड़बड़ी पाए जाने के बाद 6592 वनरक्षकों से 165 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी की जा रही है. दरअसल, वन विभाग ने वनरक्षकों को 5680 मूलवेतन देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था. प्रस्ताव का वित्त विभाग ने परीक्षण किया. परीक्षण में वन रक्षक भर्ती नियम उल्लंघन का खुलासा हुआ. जहां भर्ती नियम के अंतर्गत 5200 मूलवेतन देने दिया जाना था, वहां 6592 वनरक्षकों को 5680 मूलवेतन दिया गया.

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ब्याज भी वसूलेगी सरकार
वन विभाग ने वेतन की गलत गणना की और कोषालय भी उन्हें बढ़ा हुआ वेतन जारी करता रहा. 2006 से काम कर रहे वनरक्षकों से पांच लाख रूपए और 2013 से काम कर रहे वनरक्षकों से 1.5 लाख रुपए वसूलने की तैयारी की जा रही है. विभाग की ओर से दिया गए गए मूलधन के साथ-साथ 12 प्रतिशत की दर से ब्याज भी वसूला जाएगा.

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वित्त विभाग ने लौटाया वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव
2006 से पहले नियुक्त वन आरक्षक लंबे समय से 5680 मूलभूत वेतन और 1900 ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं. पिछले 8 साल में 6 हजार 592 वनरक्षकों को इसका लाभ दिया गया है. यही वजह थी वन विभाग ने अन्य वनरक्षकों को भी 5680 वेतन देने का प्रस्ताव सरकार को भेज था. लेकिन जब वित्त विभाग के प्रस्ताव की जांच की तो पता चला कि वनरक्षक भर्ती नियम में 5200 का वेतन बैंड देने का प्रावधान है, जबकि 5680 वेतन बैंड के हिसाब से सैलरी दी जा रही है. वित्त अधिकारियों ने इसके बाद प्रस्ताव वापस करते हुए वनरक्षकों के वेतन बैंड में सुधार करने की बात कही. 

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