धार जिले का गंगा महादेव का दूधिया झरना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यंहा बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.यह झरना 50 फीट ऊंचे पहाड़ से गिरता है.यह जगह गंगा महादेव पर्यटक स्थल के साथ धार्मिक स्थल के नाम से भी विख्यात है.
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कमल सोलंकी/धार: मध्य प्रदेश के धार जिले का गंगा महादेव का दूधिया झरना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यंहा बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.यह झरना 50 फीट ऊंचे पहाड़ से गिरता है.यह जगह गंगा महादेव पर्यटक स्थल के साथ धार्मिक स्थल के नाम से भी विख्यात है.
पांडवों ने किया था यहां विश्राम
हजारों वर्ष पहले पांडवों ने गंगामहादेव की गुफा में रुककर विश्राम भी किया था. जबसे इस स्थान को पांडवकालीन भी कहा जाता है.धार मुख्यालय से 13 किमी दूर इस स्थान को गंगामहादेव पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाता है. यंहा पहाड़ों में उत्तरमुखी शिवलिंग भी है.बारिश के 4 महीने तक लगातार यह झरना गिरता है. इस झरने में दूधिया जल प्रवाह पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है. यहां पहुंचने वाले पर्यटक झरने में स्नान करते हैं.
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गंगा महादेव पर्यटक स्थल के साथ धार्मिक स्थल के नाम से विख्यात उत्तरमुखी प्राचीन शिवलिंग पहाड़ों के बीच स्थित है. बताया जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना द्वापर काल में हुई थी.जिसपर पूरे सावन के माह में श्रदालुओं समेत कावड़ यात्री जल अभिषेक करते हैं.
मनरेगा से बंजर पहाड़ बदल दिया
गंगा महादेव तीर्थ पर पूर्व वर्षो में बंजर पहाड़ था.स्थानीय सुल्तानपुर ग्राम पंचायत ने मनरेगा योजना से एक वर्ष में पथरीले पहाड़ की सूरत बदल दी है. पथरीले पहाड़ को पहले उपजाऊ बनाया गया, फिर इसमे 5 हजार से अधिक पौधरोपण किया गया. एक वर्ष में यह पोधे आज व्रक्ष के रूप में बदल रहे हैं.अब बंजर पहाड़ पर चारों ओर हरियाली नजर आती है. वहीं इस स्थल पर पत्थरों की बोल्डर वाल, झरने के स्थान पर सुरक्षित बैठक व्यवस्था व पर्यटकों के लिए शोचालय का निर्माण आदि किया गया है.
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