भोपाल का हरित क्षेत्र घटा, तापमान बढ़ा, सरकार शुरू करेगी पौधरोपण अभियान
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भोपाल का हरित क्षेत्र घटा, तापमान बढ़ा, सरकार शुरू करेगी पौधरोपण अभियान

भोपाल पिछले सालों में हरियाली वाला शहर होने के साथ कम गर्मी वाली नगरी हुआ करता था, मगर विकास की आड़ में हुई वृक्षों की कटाई ने शहर की सूरत ही बदल दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो)

भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भेापाल की हरा-भरा शहर की पहचान बनाए रखने के लिए पौधरोपण को जन-आंदोलन बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं, क्योंकि बीते 20 साल में राजधानी का जहां वृक्षाच्छादन (हरित) क्षेत्र कम हुआ है, वहीं तापमान में बढ़ोतरी हुई है.

इस साल 'हरा भोपाल-शीतल भोपाल' अभियान में 11 लाख पौधरोपण का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए मकान का नक्शा पास कराने के लिए पौधरोपण की शर्त को अनिवार्य किए जाने की तैयारी है.

राजधानी पिछले सालों में हरियाली वाला शहर होने के साथ कम गर्मी वाली नगरी हुआ करता था, मगर विकास की आड़ में हुई वृक्षों की कटाई ने शहर की सूरत ही बदल दी है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 20 साल में भोपाल राजाानी क्षेत्र में वृक्षाच्छादन का क्षेत्र 66 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत रह गया है. इससे तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है. 

'पौधरोपण अभियान को बनाना होगा जन आंदोलन'
'हरा भोपाल-शीतल भोपाल' अभियान के क्रियान्वयन के लिए गठित कार्य-समूह की बैठक में मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने सोमवार को कहा, 'पौधरोपण अभियान को जन आंदोलन बनाना होगा, आम नागरिकों की भागीदारी और जुड़ाव विकसित करने के लिए पौधे कम कीमत पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. मात्र 10 रुपये की दर पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा,'स्थानीय पर्यावरण और परिवेश की दृष्टि से उपयुक्त पौधे आंवला, हर्रा, आम, जामुन, नीम, महुआ, पीपल, बरगद, सागौन, अर्जुन, मुनगा, नीबू, सीताफल, कदंब, मोरसी, अमरूद आदि के पौधे रोपे जाने का सुझाव दिया जा रहा है.'

'पौधरोपण और पर्यावरण में सामाजिक जवाबदेही बनाया जाना आवश्यक'
मोहंती ने कहा कि पौधरोपण और पर्यावरण में सामाजिक जवाबदेही बनाया जाना आवश्यक है. इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि भवन निर्माण में पेड़ नहीं काटने पड़े. जरूरी होने पर कटने वाले पेड़ों की संख्या से दस गुना अधिक पौधे लगाना अनिवार्य किया जाए. साथ ही नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि मकान का नक्शा पास किए जाते समय पौधरोपण की शर्त को अनिवार्य किया जाए. इसके लिए नगर निगम द्वारा प्रस्ताव भी पारित कराएं. इस साल राजधानी में 11 लाख पौधे रोपे जाएंगे. 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य में गैर वन पड़त भूमि पर बांस लगाने को प्रोत्साहित किया जाएगा, कटंग बांस के रोपण के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से स्व-सहायता समूहों के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा. इसमें एक निश्चित अवधि के बाद बांस काटने का अधिकार स्व-सहायता समूहों को होगा. इससे पर्यावरण सुधार के साथ पड़त भूमि पर आíथक गतिविधि शुरू हो सकेगी. 

संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने राजधानी में कम होते वन क्षेत्र पर चिंता जताई. साथ ही बताया कि 'हरा भोपाल-शीतल भोपाल' अभियान शुरू होने से भोपाल में अब तक 4 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. राजधानी में 325 उद्यान, छह हिल्स सहित सड़कों के किनारे, शैक्षणिक संस्थाओं की भूमि, कलोनियों में पौधरोपण को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पौधों को घर-घर पहुंचाने के लिए नगर निगम, सांची पार्लर, पेट्रोल पम्प, गैस एजेंसिंयों एवं होटल संचालकों की मदद ली जा रही है.

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