महिला बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को हाई कोर्ट में चुनौती, कम पढ़ा-लिखा और ज्यादा उम्र बनी वजह
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महिला बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को हाई कोर्ट में चुनौती, कम पढ़ा-लिखा और ज्यादा उम्र बनी वजह

कम पढ़े-लिखे और 65 वर्ष से अधिक आयु की महिला को छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान शासन के वकील ने ऑब्जेक्शन करते हुए कहा कि बाइनेम पक्षकार नही बनाया गया है.

महिला बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को हाई कोर्ट में चुनौती, कम पढ़ा-लिखा और ज्यादा उम्र बनी वजह

शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर: कम पढ़े-लिखे और 65 वर्ष से अधिक आयु की महिला को छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान शासन के वकील ने ऑब्जेक्शन करते हुए कहा कि बाइनेम पक्षकार नही बनाया गया है. इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अध्यक्ष को बाइनेम पक्षकार बनाने हाईकोर्ट से 2 सप्ताह का समय मांग लिया है.

बता दें की राज्य शासन ने हाल ही में तेज कुंवर नेताम को बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है. वह 65 वर्ष से अधिक आयु की होने के कारण सीनियर सीटिजन हैं. उनकी शिक्षा सिर्फ कक्षा आठवीं तक ही हुई है. इस नियुक्ति को सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक चौबे ने एडवोकेट योगेश्वर शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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याचिका में कहा गया है कि यह आयोग बच्चों के अधिकारों व उनकी जरूरतों से सम्बन्धित है. इतने महत्वपूर्ण आयोग की जवाबदारी भी बहुत बड़ी होती है. इसके लिए आवश्यक है कि जो व्यक्ति बच्चों व उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक हो, उसे ही इस प्रकार की जवाबदारी दी जाये. यहां सरकार ने एक 8वीं पास बुजुर्ग महिला को राजनैतिक कारणों से बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बना दिया है. यह बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है. इससे आयोग का मूल उदेश्य भी प्रभावित हो सकता है. मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी.

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