याचिका में कई प्रदेशों का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ में भी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने की मांग की गई है.
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शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुरः राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई छत्तीसगढ़ी भाषा में कराने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिस पर आज सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना जवाब देने के लिए कोर्ट से और समय मांगा है. जिस पर कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए 4 हफ्ते बाद जवाब देने का निर्देश दिया है.
बता दें कि यह याचिका छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की प्रदेश अध्यक्ष लता राठौर ने दायर की है. जिस पर कोर्ट ने बीते दिनों सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 2 हफ्ते में जवाब मांगा था. इसके बाद आज यानी कि 26 अगस्त को कोर्ट ने फिर से इस मामले पर सुनवाई की. जिसमें प्रदेश सरकार ने और समय मांग लिया है. अब कोर्ट ने सरकार को 4 हफ्ते का समय दिया है.
याचिका में कई प्रदेशों का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ में भी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने की मांग की गई है. याचिका में एनसीईआरटी के फ्रेमवर्क और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को आधार बनाया गया है. इस मामले पर एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस एन के चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.
छत्तीसगढ़ी भाषा को राज्यभाषा का दर्जा देने औ उसमें प्राथमिक शिक्षा देने की मांग राज्य में लंबे समय से उठ रही है. छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना, छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच, मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी, एमए छत्तीसगढ़ी छात्र परिषद आदि संगठनों द्वारा इसकी मांग की जा रही है. बीते जुलाई माह में ही छत्तीसगढ़ी समाज ने रायपुर के बूढापारा धरना स्थल पर सैंकड़ों लोगों ने बारिश में भीगते हुए छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. बता दें कि छत्तीसगढ़ी भाषा को 1000 साल पुरानी भाषा बताया जाता है. लोगों की मांग है कि विधानसभा की कार्यवाही भी छत्तीसगढ़ी भाषा में ही हो.