छत्तीसगढ़: समाज कल्याण विभाग में हुए 1000 करोड़ के घोटाले में बढ़ सकती हैं रेणुका सिंह की मुश्किलें
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छत्तीसगढ़: समाज कल्याण विभाग में हुए 1000 करोड़ के घोटाले में बढ़ सकती हैं रेणुका सिंह की मुश्किलें

आरोप है कि भाजपा नेत्री रेणुका सिंह के एनजीओ के जरिए हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ. अफसरों ने पूरे प्लांड तरीके से इस घोटाले को अंजाम दिया. 

भाजपा नेता रेणुका सिंह.

रायपुर: छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग में हुए 1000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में सीबीआई 12 अफसरों के खिलाफ  भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में केस दर्ज कर सकती है. केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का हाइकोर्ट की ऑर्डरशीट में जिक्र होने के बाद इस मामले में विधिक सलाह के लिए सीबीआई ने हाइकोर्ट के फैसले की कॉपी लीगल सेल को भेजी है.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सीबीआई 6 आईएएस समेत 12 आरोपी अफसरों से पूछताछ करेगी. इसके अलावा घोटाले के दौरान छत्तीसगढ़ में मंत्री रहीं वर्तमान केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह से भी सीबीआई जानकारी मांगेगी. रेणुका सिंह ने इस मामले में मीडिया से बात करते हुए हाइकोर्ट और सीबीआई का सम्मान करने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया था.

आपको बता दें कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में सभी आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में 15 दिनों के भीतर संबंधित सभी मूल दस्तावेज जब्त कर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने को भी कहा है. हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्रीय समाज एवं कल्याण मंत्री रेणुका सिंह से भी इस संबंध में जानकारी लिए जाने को कहा गया है. 

क्या है पूरा घोटाला?
इस मामले में कुल 6 आईएएस समेत 12 अफसरों के खिलाफ हाइकोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील देवर्षि ठाकुर के मुताबिक वरिष्ठ आईएएस अधिकारिओं ने सुनियोजित रूप से इस घोटाले को अंजाम दिया था. भाजपा नेत्री रेणुका सिंह ने ही एनजीओ बनाई और अफसरों ने पूरे प्लांड तरीके से इस घोटाले को अंजाम दिया. 

फर्जी लोगों के नाम पर वेतन निकाला गया, फर्जी तरीके से मशीनें खरीदी गईं. ये सारे दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं. इन सभी अफसरों पर भाजपा शासनकाल के करीब 14 वर्षों के दौरान फर्जी एनजीओ बनाकर 1000 करोड़ रुपए के घोटाला करने का आरोप है. इन अधिकारियों ने अलग-अलग नामों से एनजीओ बनाकर शासन से कई कार्यों और योजनाओं के तहत पैसे रिलीज करवाये और कमीशनखोरी की. 

इनमें से एक पूर्व आईएएस अफसर रियल अग्रवाल को भ्रष्टाचार के मामलों के तहत जबरिया सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है. वहीं कई आरोपी रिटायर्ड भी हो चुके हैं. आरोपियो में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव विवेक कांड का नाम है, जो वर्तमान में RERA के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा राज्य सहकारिता निर्वाचन आयोग के आयुक्त संजय कुजूर का नाम भी शामिल है. 

इनके अलावा योग आयोग के अध्यक्ष एमएल पांडे, पूर्व आईएएस व राज्य सूचना आयोग के आयुक्त एमके राउत, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस आलोक शुक्ला, आईएएस बीएल अग्रवाल, आईएएस पीपी सोती, सतीश पांडे, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलको, एमएल पांडे और पंकज वर्मा शामिल हैं.

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