दुर्लभ गिरगिट को प्राणी प्रेमी ने आज़ाद करवाया, एक आंख से आगे दूसरी से देख सकता है पीछे
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दुर्लभ गिरगिट को प्राणी प्रेमी ने आज़ाद करवाया, एक आंख से आगे दूसरी से देख सकता है पीछे

मेनका संजय गांधी के संगठन पीपल फॉर एनिमल्स‍, यूनिट सारनी के अध्यक्ष आदिल खान ने युवक को समझाइश देते हुए बताया कि यह इंडियन केमेलियन है, वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के अंतर्गत इसे पालना गैरकानूनी है. यह एक वन्य जीव है और जंगल ही इसका घर है. 

केमेलियन इंडियन गिरगिट

इरशाद हिंदुस्तानी/बैतूल: जिले के सारणी इलाके में आज एक इंडियन कैमेलियन गिरगिट को रेस्क्यू कर जंगल मे छोड़ा गया. प्राणी प्रेमी आदिल खान ने इस गिरगिट को एक ग्रामीण के चंगुल से छुड़ाकर जंगल मे मुक्त किया है. आमतौर पर कम मिलने वाला यह प्राणी सतपुड़ा के जंगलों में कम ही दिखाई देता है. यह एक आंख से आगे और एक आंख से पीछे की ओर देख सकता है. ये बेहद शांत होते हैं, पेड़-पौधों व झाड़ियों में रहते है. इंडियन केमेलियन अपने आप को जंगलों में आसानी से छुपा लेते हैं.

दरअसल, वन्य प्राणियों व पर्यावरण के संरक्षण का कार्य करने वाले पर्यावरणविद आदिल खान को सूचना मिली थी कि सारणी के पास बाकुड़ गांव में एक हरे रंग का गिरगिट मिला है. जिस पर आदिल ने वन विभाग को सूचित किया और बाकुड़ गांव पहुंचे. गांव के एक युवक ने गिरगिट को बंदी बना रखा था, गिरगिट की पूछ टूटी हुई थी और उसे रस्सी से बांधतकर रखा गया था. युवक उसे पालने की जिद पर अड़ा हुआ था.

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गैरकानूनी है इसे पालना 
मेनका संजय गांधी के संगठन पीपल फॉर एनिमल्स‍, यूनिट सारनी के अध्यक्ष आदिल खान ने युवक को समझाइश देते हुए बताया कि यह इंडियन केमेलियन है, वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के अंतर्गत इसे पालना गैरकानूनी है. यह एक वन्य जीव है और जंगल ही इसका घर है. 

समझाइश के बाद छोड़ा
आदिल ने युवक को समझाया की यह घायल अवस्था में है जिस वजह से इसको प्राथमिक उपचार देना आवश्यक है अन्यथा इसकी मौत भी हो सकती है, गांव के जागरूक युवा कृष्णकांत नागवंशी व मनोज नागवंशी द्वारा भी युवक को समझाइश दी गई. जिसके बाद युवक ने केमेलियन गिरगिरट को आदिल के सुपुर्द कर दिया गया.

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बेहद दुर्लभ है यह गिरगिट 
आदिल ने बताया कि केमेलियन हरे रंग के बड़े गिरगिट होते हैं जो घने जंगलों में रहते हैं और जरूरत के हिसाब से रंग बदलने में माहिर होते है. इनके शरीर की बनावट अन्य आम गिरगिटों से अलग होती है. इनकी बड़ी जीभ होती है जिससे ये अपने से थोड़ी दूरी पर बैठे कीड़ों का शिकार करते हैं. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी आंखें सामान्य जीवों से बिल्कुल अलग है, इसकी दोनों आंखे अलग-अलग ऐंगल पर 360 डिग्री तक घूम सकती हैं. यानि यह एक आंख से आगे और एक आंख से पीछे की ओर देख सकता है. ये बेहद शांत होते हैं, पेड़-पौधों व झाड़ियों में रहते है. इंडियन केमेलियन अपने आप को जंगलों में आसानी से छुपा लेते हैं, इस वजह से सतपुड़ा के जंगलों में यह जीव बहुत मुश्किल से ही दिखाई देते है.

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