लीगल नोटिस सेटल कराने के नाम पर कैंट बोर्ड के मोहर्रिर ने मांगी रिश्वत, CBI ने रंगेहाथ दबोचा
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लीगल नोटिस सेटल कराने के नाम पर कैंट बोर्ड के मोहर्रिर ने मांगी रिश्वत, CBI ने रंगेहाथ दबोचा

सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने आरोपी के क्वॉर्टर में दबिश देकर उसे दबोच लिया. आरोपी के पास से 10 हजार रुपए कैश और इतने का ही चेक जब्त किया गया. 

प्रतीकात्मक फोटो

जबलपुर: सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो ने कैंट बोर्ड के मोहर्रिर (क्लर्क) को रंगे हाथ रिश्वत लेते दबोचा है. कोर्ट मोहर्रिर ने लीगल नोटिस के सेटलमेंट कराने के नाम पर एक आवेदक से 20 हजार की रिश्वत मांगी थी. जिसकी शिकायत पर सीबीआई ने आरोपी के क्वॉर्टर में दबिश देकर पकड़ लिया. आरोपी ने आवेदक को 10 हजार रुपए और इतने का ही चेक लेकर बुलाया था. सीबीआई ने उसे चार दिन की रिमांड पर लिया है.

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बता दें कि सीबीआई एसपी द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक मोहित तिवारी कैंट बोर्ड में मोहर्रिर (क्लर्क) है. वह मोतीलाल नेहरू अस्पताल सदर के पास कैंट क्वॉर्टर में रहता है. उसके द्वारा कैंट बोर्ड की ओर से बीते दिनों निर्माण को लेकर सदर गली नम्बर-19 निवासी विशाल केसरवानी को लीगल नोटिस जारी किया था. मोहित तिवारी ने लीगल नोटिस में सेटलमेंट कराने के बदले में विशाल केशरवानी से 20 हजार रुपये रिश्वत में मांगे थे. जिसकी फरियादी विशाल ने सीबीआई एसपी से शिकायत की थी. सीबीआई एसपी के निर्देश पर टीम ने उनकी बातचीत को ट्रैप किया और फिर आरोपी को रंगेहाथ दबोचने का प्लान तैयार किया. 

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रिश्वत लेते ही धराया 
ट्रैप के अनुसार सीबीआई टीम ने विशाल को रिश्वत की रकम विशेष रसायन लगे नोटों के साथ भेजी थी. आरोपी मोहित ने फरियादी विशाल को अपने क्वॉर्टर बुलाया. जैसे ही विशाल ने 10 हजार रुपए और 10 हजार का चेक दिया वैसे ही टीम ने उसे दबोच लिया. उसके हाथ धुलवाने के बाद रिश्वत की रकम व कलर जब्त किया गया. 23 वर्षीय आरोपी मोहित दो वर्ष पहले ही कैंट बोर्ड में भर्ती हुआ था. लिहाजा आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है. रविवार को सीबीआई ने मोहित को विशेष अदालत में पेश किया. न्यायाधीश ने सीबीआई के तर्क मानकर आरोपित को चार दिन की रिमांड पर भेज दिया. 

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