छत्तीसगढ़ में इस बार मरवाही की विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, जिसके लिए कांग्रेस, जनता कांग्रेस सहित बीजेपी ने कमर कस ली है. यहां 3 नवंबर को मतदान होना है, जिसके नतीजे 10 नवंबर को घोषित कर दिए जाएंगे.
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दुर्गेश/बिलासपुरः देश में छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने 29 सितम्बर को हुई बैठक में 3 और 7 नवंबर को 56 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने के आदेश दिए हैं. मतदान के बाद मंगलवार 10 नवंबर को ही सभी सीटों पर फैसला भी आ जाएगा. छत्तीसगढ़ प्रदेश में पूर्व सीएम अजीत जोगी की मृत्यु के बाद खाली हुई मरवाही सीट पर उपचुनाव होना है. छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश में भी 28 सीटों पर, यूपी में 7 सीटों पर और बाकी राज्यों की कुछ सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं.
मरवाही सीट | अनुसूचित जनजाति (आरक्षित) |
बीजेपी | डॉ. गंभीर सिंह |
कांग्रेस | डॉ. के के ध्रुव |
जनता कांग्रेस (जे) | ऋचा जोगी/अमित जोगी |
पूर्व विधायक | दिवंगत अजीत जोगी (जे) |
16 अक्टूबर नामांकन की आखरी तारीख
चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की तारीखों के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में विधानसभा की खाली पड़ी सीटों पर उपचुनाव की तारीखों ऐलान किया. इसी के तहत मरवाही में उम्मीदवारों के नामांकन की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर तय की गई है. उम्मीदवारी में बदलाव की तारीख 17 अक्टूबर तो वहीं नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 19 अक्टूबर रखी गई है. 3 नवंबर को वोटिंग होगी, तो वहीं 10 नवंबर को बाकी राज्यों के साथ ही मरवाही सीट पर भी नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा का गणित
छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीट है, जहां 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 69 सीटें जीत कर सरकार बनाई. भाजपा के पास इस वक्त 14, तो वहीं जनता कांग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने 6 सीटों पर कब्जा किया हुआ है. विधानसभा की मरवाही सीट जनता कांग्रेस (जे) के पूर्व विधायक और राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के बाद से रिक्त हो गई है, जिस कारण यहां उपचुनाव की जरूरत आई.
उपचुनाव-2020 : 'जोगी का किला' - मरवाही
विधानसभा सीट का नाम | मरवाही जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही |
कुल मतदाता | 1,91,244 |
पुरुष वोटर | 93,843 |
महिला वोटर | 97,397 |
मतदान | 3 नवंबर 2020 |
नतीजे | 10 नवंबर 2020 |
1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद छत्तीसगढ़ में 9 नवंबर 2000 को चुनाव नतीजों के बाद तत्कालीन विजेता कांग्रेस के अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री का पद भार संभाला था. बिलासपुर जिले का हिस्सा रही मरवाही विधानसभा सीट अब गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले का हिस्सा है. जो इसी साल फरवरी में भूपेश सरकार द्वारा बनाया गया है. 2000 चुनाव से पहले ये कहानी बहुचर्चित रही है कि यहां विधायकों ने अक्सर पार्टी बदलने के बाद चुनाव जीता है.
जोगी परिवार का गढ़ है मरवाही
यहां 2001 के उपचुनाव में अजीत जोगी के विधायक बनने के बाद से ही 2003, 2008, 2013 और 2018 चुनाव में भी जोगी परिवार का ही कब्जा रहा है.साल 2013 विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने कांग्रेस से चुनाव जीत कर सीट पर लड़ कर कब्जा किया था. फिर साल 2016 में अमित जोगी और कांग्रेस पार्टी में हुए विवाद के बाद अजीत जोगी ने पार्टी से अलग होते हुए राज्य की अलग क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का निर्माण किया. 2018 चुनाव में फिर जनता कांग्रेस की ओर से अजीत जोगी चुनाव जीत कर विधायक बने.
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घने जंगलों के बीच आदिवासी बहुल है इलाका
मरवाही विधानसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश की सीमा से लगा है और घने जंगलों के बीच होने के साथ ही इलाका आदिवासी बहुल है. इसी कारण ये सीट जनजाती के लिए आरक्षित भी है. दो दशक से जोगी का गढ़ रही इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही कब्जा करना चाहती है. घने जंगलों के साथ ही यहां भालुओं का आतंक रहा है और जनता को अक्सर इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है.
क्या रहा पिछले चुनावों का नतीजा?
2018 में यहां जनता कांग्रेस के अजीत जोगी ने रिकॉर्ड 74041 वोटों से जीत हासिल की थी. तो वहीं बीजेपी की अर्चना पोर्ते को 25,579 और कांग्रेस के गुलाब सिंह राज को 20,040 वोट मिले थे.
2013 में यहां 11 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. अजीत जोगी की विरासत को बरकरार रखते हुए उनके बेटे अमित जोगी ने 82,909 वोट लेकर जीत हासिल की थी. जबकि दूसरे नम्बर पर बीजपी की समीरा पैकरा को 36,659 वोट मिले थे.
2008 में यहां कांग्रेस की ओर से लड़ते हुए अजीत जोगी ने 67,523 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. तो वहीं दूरे नंबर पर बीजेपी के ध्यान सिंह पोर्ते को 25,431 वोट मिले थे. 2003 चुनाव में भी अजीत जोगी ने ही जीत हासिल की थी.
कांग्रेस ने दी सौगात, तो बीजेपी को है चुनाव जीतने का भरोसा
अजीत जोगी के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव की तैयारियों को देखते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार के सीएम भूपेश बघेल ने 332 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया है. इसके साथ ही उन्होंने गौरेला पेण्ड्रा मरवाही को अलग जिला बनाते हुए जिले की नगर पंचायत को नगर पालिका बनाने की घोषणा कर दी है. इसके लिए उन्होंने जयसिंह अग्रवाल को जिले का प्रभारी मंत्री बनाया है. बीजेपी ने पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर अमर अग्रवाल को बागडोर सौंपते हुए कहा है कि यहां इस बार बीजेपी का ही विधायक बनेगा.
अमित जोगी ने बताया जोगी परिवार का गढ़
मरवाही का इतिहास बताता है कि यहां की जनता ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी में ही अपने हितों को देखकर उन्हें जीत दिलाई है. लेकिन जनता कांग्रेस के अध्यक्ष और अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी का मानना ऐसा नहीं है, उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए बताया है कि मरवाही की सीट हमेशा से जोगी परिवार का ही गढ़ रहा है.
जाति प्रमाण पत्र में फंस सकता है मामला
दरअसल मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिस पर अजीत जोगी पिछले कई वर्षों से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतते आए है. लेकिन अजीत जोगी और अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र विवाद बहुत लंबे समय से चल रहा था. जिसके बाद राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है. जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
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लेकिन जाति को लेकर उन्हें आशंका है कि कांग्रेस उन्हें चुनाव लड़ने से रोक सकती है. जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी ऋचा जोगी की अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र मुंगेली जिले के एक गांव का पता देकर बनवा लिया है. लेकिन 17 जुलाई को जारी हुए इस प्रमाण पत्र की शिकायत कांग्रेस ने न केवल राज्यपाल बल्कि अन्य फोरम पर भी की है. जहां से जाति प्रमाण को निरस्त किया जा सकता है. इसी वजह से अमित जोगी ने मरवाही की सीट पर परिवार के दो सदस्यों का नामांकन दाखिल किया है.
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