छत्तीसगढ़ विधानसभा में किसानों के मुद्दे पर भिड़े पक्ष-विपक्ष, नाराज भाजपा ने किया सदन से वॉकआउट
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में किसानों के मुद्दे पर भिड़े पक्ष-विपक्ष, नाराज भाजपा ने किया सदन से वॉकआउट

भाजपा ने आरोप लगाया कि बघेल सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए अव्यवस्था की स्थिति है, बारदाने की कमी के कारण खरीदी रोकी गई. भाजपा ने कहा कि सरकार अन्नदाताओं की समस्या को सुलझाने की बजाय बयानबाजी कर रही है. 

छत्तीसगढ़ विधानसभा. (फाइल फोटो)

रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है. बुधवार को सदन में खूब हंगामा देखने को मिला. दरअसल किसानों की खुदकुशी के मामलों और धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार पर जमकर निशाना साधा. सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने धान के बोनस के मुद्दे पर सरकार को घेरा. जिसपर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बीजेपी को अपने पुराने घोषणापत्र की याद दिलाई. 

वहीं बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा सहित अन्य विपक्षी विधायकों द्वारा किसानों की खुदकुशी और धान खरीदी में अव्यवस्था के मुद्दे उठाया गया. किसानों की खुदकुशी के मामले को उठाने पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष भिड़ गया, जिससे हंगामे की स्थिति बन गई. इस पर नाराज भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया.

इससे पहले बीजेपी ने प्रदेश में किसान आत्महत्या के मामले पर 'काम रोको प्रस्ताव' पेश किया. भाजपा ने आरोप लगाया कि फसल खराबी , धान खरीदी में दिक्कत की वजह से बीते 2 माह में 5 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.

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वहीं सरकार का कहना है कि जिन किसानों ने आत्महत्या की है, उसके पीछे उनका मानसिक अवसाद कारण है. सरकार ने कहा कि केन्द्री में आत्महत्या करने वाले किसान कमलेश साहू ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या की थी. इस मामले की जांच चल रही है. 

इसी तरह लीलूराम पटेल नामक किसान ने बाइक के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की थी. प्रेमलाल साहू नामक किसान की आत्महत्या के मामले की जांच अभी तक नहीं की गई है. इस तरह सरकार ने किसानों की आत्महत्या के अलग-अलग कारण गिनाए. 

भाजपा ने आरोप लगाया कि बघेल सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए अव्यवस्था की स्थिति है, बारदाने की कमी के कारण खरीदी रोकी गई. भाजपा ने कहा कि सरकार अन्नदाताओं की समस्या को सुलझाने की बजाय बयानबाजी कर रही है. 

सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि सरकार ने सहकारी बैंकों के 5260 करोड़ रुपए के कृषि कर्ज माफ किए. 2019-20 में 4420 करोड़ और 2020 -21में  4630 करोड़ रुपए का ऋण किसानों ने लिया. 83 लाख 894 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया.

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वर्ष 2020-21 में 21 लाख 52 हजार किसानों का धान खरीदी के लिए पंजीयन किया गया है. 262 नए धान खरीदी केंद्र खोले गए हैं. 28 लाख 42 हजार टन धान की खरीदी हो चुकी है. 4 लाख 45 हजार गठान की व्यवस्था की जा रही है, खाद्य विभाग ने 1 लाख 45 हजार गठान ही देने की बात कही. मिलर्स से बारदाना लेकर धान खरीदी की जा रही है.

गृहमंत्री ने ये भी बताया कि निर्भया फंड का इस्तेमाल कर 8 जिलों में समिति बनाई गई है, अन्य जिलों में भी समिति बनाई जा रही है.

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