Bastar News: बस्तर की घाटी का दोषी कौन? 304 करोड़ का टेंडर, 8 साल का वक्त और काम लब्धे शून्य
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Bastar News: बस्तर की घाटी का दोषी कौन? 304 करोड़ का टेंडर, 8 साल का वक्त और काम लब्धे शून्य

Bastar News: फूलों की घाटी के नाम से जाने वाली बस्तर के केशकाल घाट की हालत इन दिनों खराब है. ऐसा यहां काम कर रहे ठेकेदार की लापरवाही के कारण हो रहा है, जिसने टेंडर के 8 साल बीतने के बाद भी काम नहीं किया. आइये जानें क्या है यहां की समस्या और कितना हुआ है काम.

Bastar News: बस्तर की घाटी का दोषी कौन? 304 करोड़ का टेंडर, 8 साल का वक्त और काम लब्धे शून्य

Bastar News: चंपेश जोशी/कोंडागांव। बस्तर को राजधानी से जोड़ने वाली एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग 30  पर स्थित केशकाल घाट इन दिनों आफत की घाट बन चुकी है. कभी इस घाट को फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता रहा है. मगर इसके दोनों ओर उड़ती धूल से घाट की हरियाली भी खत्म हो रही है. आए दिन लगने वाले जाम से न केवल यात्री परेशान हैं बल्कि माल वाहक भी इस घाट  के चलते काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आम हो या खाश घाट से सभी परेशान हैं

8 सालों मे नहीं बन पाया बाईपास
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 के 130 किलोमीटर कांकेर से बेडमा क्षेत्र कार्य के अंतर्गत चौड़ीकरण एवं उन्नयन कार्य हेतु में मेसर्स वालेचा इंजीनियरिंग मुंबई को 8 नवंबर 2016 को कार्य आदेश जारी किया गया था. अनुबंधित  ठेकेदार द्वारा कार्य में विलंब एवं धीमी गति के कारण उस कार्य को करने हेतु मेसर्स श्री राम ईपीसी चेन्नई ईपीसी को सबलेट कर कार्य हेतु विभाग द्वारा त्रिपक्षीय अनुबंध कर 70% कार्य दिया गया. इसके आधार पर 30% कार्य मेसर्स वालेचा इंजीनियरिंग मुंबई करना था. इसमें केशकाल बाईपास का कार्य शामिल था.

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शिकायत के बाद भी एक्शन नहीं
इन 8 वर्षों में ठेकेदार द्वारा बायपास मार्ग बनाने में रुचि नहीं दिखाने की वजह से विभाग द्वारा कई बार ठेकेदार को पत्र लिखकर चेतावनी दी गई. इसके अलावा अपने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई. यही नहीं राज्य परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय रायपुर के द्वारा टर्मिनेशन के लिए केंद्र को भी समीक्षा कर पत्र भेजा गया. बावजूद, इसके संबंधित ठेकेदार द्वारा किसी भी प्रकार की इस सड़क निर्माण में रुचि नहीं दिखाई गई.

8 साल से नहीं हुई कार्रवाई
इन आठ वर्षो में केशकाल घाट का अन्य मदों से बार-बार मरम्मत का कार्य करवाया गया जिसमें करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं. कई बार पत्र लिखे जाने के बावजूद भी राजमार्ग मंत्रालय दिल्ली द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया जाना कई मायने में  ठेकेदार की ऊंची पहुंच को दर्शाता है. 

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खाना पूर्ति  किया जा रहा है
लोगों की समस्या को देखते हुए एक बार फिर खाना पूर्ति  किया जा रहा है. फिलहाल  केशकाल घाट के मरम्मत का कार्य कांकेर की ठेकेदार श्री कंस्ट्रक्शन के माध्यम से करवाया जा रहा है. घाट मरम्मत का कार्य अनुबंध किये ठेकेदार की डिपॉजिट राशि 5% से किया जा रहा है. जिस ठेकेदार को फिलहाल मरम्मत का कार्य दिया गया है वह ठेकेदार भी मानते हैं कि यह सड़क लंबे समय तक नहीं चल सकती. इसकी वजह ओवरलोड वाहनों का इस घाट से चलना बताया जा रहा है.

अधिक दूरी तय कर रहे वाहन
केशकाल घाट पर इन दिनों बैलाडीला के अलावा नारायणपुर से भी गिट्टी भारी वाहनों का आवागमन जारी है जिसकी वजह से घाट पर बनी सड़की उखड़ जाती है. फिलहाल मरम्मत का कार्य शुरू है मगर यह कितने दिन सड़क टिक पाएगी यह कह पाना मुश्किल है. केशकाल घाट मरम्मत के नाम पर इन दोनों वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर  रायपुर जाने वाली भारी वाहनों को केसलाल विश्रामपुरी सिहावा धमतरी से रायपुर भेजा जा रहा है. जहां 30 से 80 और 100 टन के भारी वाहन गुजर रहे है. इस मार्ग से वाहनों को 30-40 किलोमीटर की दूरी अधिक तय करनी पड़ी है.

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