कभी सुना है कि भगवान खुद ही कोर्ट में पेश हुए हों. ऐसा एक अनोखा मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ के रायगढ़ तहसील न्यायालय में, जहां खुद भगवान शिव नजूल भूमि के मामले में कोर्ट में पेश हुए.
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रायगढ़: कभी सुना है कि भगवान खुद ही कोर्ट में पेश हुए हों. ऐसा एक अनोखा मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ के रायगढ़ तहसील न्यायालय में, जहां खुद भगवान शिव नजूल भूमि के मामले में कोर्ट में पेश हुए. यहां भगवान भोलेनाथ को कुछ दिन पहले नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था, जिसमें उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था. भगवान खुद कोर्ट में पेश नहीं हो सकते थे तो भक्त ने शिवलिंग लेकर कोर्ट पहुंच गए.
नहीं मिले नोटिस देने वाले अधिकारी
नोटिस के बाद शुक्रवार को भगवान तहसील न्यायालय की पेशी में पेश हुए, लेकिन नोटिस देने वाले अधिकारी ही तहसील कार्यालय से नदारद मिले. तहसीलदार उद्योग की जनसुनवाई पर व्यस्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अब मामले की सुनवाई के लिए नई तारीख 13 अप्रैल तय की गई है.
क्या है केस
पूरा मामला यह है कि रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा है. यहां एक महिला की ने नजूल भूमि पर अवैध कब्जा को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
10 लोगों के जारी हुआ था नोटिस
कोर्ट की ओर से जिन 10 लोगों को नोटिस दिया गया, उसमें कोहाकुंडा के वार्ड 25 में बना शिव मंदिर भी शामिल है. किसी पुजारी का नाम नहीं होने के कारण सीधे शिव मंदिर को ही नोटिस जारी कर दिया गया. नोटिस में प्रतिवादी के हाजिर नहीं होने पर 10 हजार रुपए अर्थदंड लगाने की बात कही गई थी. ऐसे में स्थानीय लोगों ने शिवलिंग को ही मंदिर से उखाड़ लिया और ट्रॉली पर उसे रखकर कोर्ट पहुंच गए.
गलती में करेंगे सुधार
मामले में नायब तहसीलदार का कहना है कि मंदिर को नोटिस लिपिक की त्रुटि की वजह से हुआ था. अगर उसमें त्रुटि हो गई है तो इसे सुधार दिया जाएगा. जन सुनवाई होने के कारण कोर्ट की तारीख बढ़ाई गई है. अन्य लोगों को जारी नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी.
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